उत्तराखंड: चमोली के गांव मोख तल्ला से ग्राउंड रिपोर्ट, लगातार किए जा रहे लोगों के टेस्ट
चमोली के इस गांव मोख तल्ला में एक दूसरी ही तस्वीर देखने को मिली. लगातार इस गांव में टेस्ट किए जा रहे हैं. गांव के प्रधान ने बताया कि ये तीसरी बार है जब गांव में टेस्ट के लिए टीम आई है. इस गांव में 27 लोग कोरोना संक्रमित हैं.
एबीपी न्यूज़ लगातार आपको उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के गांव की ग्राउंड रिपोर्ट दिखा रहा है. अधिकतर गांव में हमने देखा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है और टेस्टिंग नहीं हो रही है. अगर हो भी रही है तो सिर्फ एक खानापूर्ति. लेकिन चमोली के इस गांव मोख तल्ला में एक दूसरी ही तस्वीर देखने को मिली. लगातार इस गांव में टेस्ट किए जा रहे हैं. गांव के प्रधान ने बताया कि ये तीसरी बार है जब गांव में टेस्ट के लिए टीम आई है. इस गांव में 27 लोग कोरोना संक्रमित हैं.
उन्होंने बताया कि इससे पहले हमारे यहां टेस्ट हुए थे. 120 लोगों के टेस्ट हुए थे, जिसमें से 27 लोग पॉजिटिव आए. उसके बाद मेडिकल टीम आई उन्होंने दवाइयां बांटी और उसके बाद लगातार हमारा प्रयास है कि गांव में कोई बीमार ना रहे. बीमार के लिए हमने दोबारा टेस्टिंग टीम को बुलाया है. कल हमारी ग्राम सभा में 70 लोगों के सैंपल लिए गए. उनकी रिपोर्ट अभी आई नहीं है. आज फिर मेडिकल टीम आई है और आज जांच चल रही है.
प्रधान सुमेर सिंह के मुताबिक प्रशासन की तरफ से काफी मदद मिल रही है. टेस्ट लगातार किए जा रहे हैं. 27 लोगों के संक्रमित होने की वजह से गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है. किसी को भी गांव से आने जाने की इजाजत नहीं है.
सुमेर सिंह आगे बताते हैं कि गांव में दिक्कत इस बात की है कि सड़कें खराब हैं. गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है. गांव वालों को बाहर नहीं जाना है. सरकार की तरफ से और डीएम साहब की तरफ से कह दिया गया है कि बाहर मत जाओ, यहां सुविधा कम है. मेडिकल के लिए लोगों को बाहर जाना ही पड़ता है, फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं कि हमें यही पर सब सुविधाएं मिल जाएं.
पहाड़ी इलाके में होने की वजह से जो हर गांव की परेशानी है वो इस गांव की भी है. कोई स्वास्थ्य केंद्र इस गांव में नहीं है. गांव के रहने वाले चरण सिंह नेगी ने बताया कि करीब साढ़े 800 की आबादी वाले इस गांव में अगर किसी को मेडिकल फैसिलिटी की जरूरत होती है तो उसे गांव से 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
वह आगे बताते हैं कि गांव की आबादी 1000 से ज्यादा है. पलायन की वजह से साढ़े 8 सौ के आसपास के लोग यहां पर रह रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धुर्मा में है जो यहां से 3 किलोमीटर है. यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.
चरण सिंह नेगी ने बताया कि गांव में जितने भी लोग पॉजिटिव आए हैं, उन सभी को प्रशासन की तरफ से मेडिकल किट मुहैया कराई गई है और सभी होम आइसोलेशन में हैं. जो पॉजिटिव आए हैं उनको मेडिकल किट मिली है और उनको होम आइसोलेशन में जाने को बोला गया है.
गौरतलब है कि प्रशासन अगर लगातार इस गांव की तरह हर गांव में मेडिकल टीम भेजकर टेस्टिंग पर ध्यान दें तो आने वाले समय में कोरोना महामारी से निपटने में जल्द सफलता मिलने के आसार हैं.