उत्तराखंड हादसाः जम्मू का जितेंद्र अभी भी है लापता, परिजन ढूंढने पहुंचे चमोली
उत्तराखंड के तपोवन में हुए हादसे में 36 लोगों की जान चली गई है जबकि 168 लोगों को ढूंढने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है. प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द टनल में घुसे मलवे को साफ कर फंसे हुए कामगारों को बाहर निकाला जाए.
जम्मू: उत्तराखंड के चमोली में हुए दर्दनाक हादसे में अब तक 36 लोगों ने अपनी जान गवा दी है, वही 168 लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है. इस हादसे में लापता लोगों में जम्मू के डोडा जिले के भद्रवाह कस्बे के जितेंद्र भी शामिल हैं. जितेंद्र को ढूंढने के लिए अब परिवार के कई सदस्य चमोली पहुंच चुके हैं. जितेंद्र चमोली के तपोवन एनटीपीसी में ऋत्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के सुपरवाइजर के रूप में काम कर रहे थे. जितेंद्र करीब 20 मजदूरों के साथ काम करने केलिए बांध स्थल के लिए रवाना हुए थे.
काम पर जाने से पहले जितेंद्र ने अपनी पत्नी और मां को एक साथ वीडियो कॉल किया था. जतिंदर ने वीडियो कॉल पर अपनी मां से कहा कि उन्हें घरवालों की याद आ रही है. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि उन्हें अपनी तीन साल की बेटी की बहुत याद आ रही है. बातचीत के दौरान जितेंद्र ने कहा था कि वह जल्द ही अपने परिवार से मिलने आएंगे. दुर्भाग्य ही कहिए कि जितेंद्र अपने परिवार से किया वादा नहीं निभाया.
डोडा जिले के भद्रवाह भाठा गांव के निवासी जितेंद्र 4 भाइयों में सबसे छोटे हैं. करीब डेढ़ महीना पहले अपने गांव छोड़कर उत्तराखंड में बांध स्थल पर सुपरवाइजर के रूप में काम करने गए थे. जितेंद्र के परिजनों की मांग है कि फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान तेज करें.
तपोवन हादसे में लापता जितेंद्र को ढूंढने के लिए अब उनके गांव से भी उनके रिश्तेदार और मित्र उत्तराखंड पहुंच गए हैं. परिजनों को उम्मीद है कि जल्ह ही जितेंद्र सही सलामत हालात में मिल जाए इसके लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.
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