नई दिल्ली: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान कम से कम आठ पर्वतारोहियों के शवों को बाहर निकालने के लिए अपनी तरह का पहला साहसी बचाव अभियान शुरू करेंगे. इन पर्वतारोहियों के उत्तराखंड में नंदा देवी पूर्व के पास हिमस्खलन में मारे जाने की आशंका है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पिथौरागढ़ जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत अभियान शुरू करने के लिए आईटीबीपी के पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित सैनिकों की सेवाएं मांगी हैं.
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया, "आईटीबीपी के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहियों की एक टीम बनाई गई है. यह बहुत ही जोखिम भरा मिशन है क्योंकि पर्वतारोहियों के शव को अब सिर्फ हेलिकॉप्टर अभियान (हेलिबोर्न ऑपरेशन) के जरिए ही निकाला जा सकता है. संभवत: यह पहली बार होगा कि अवशेषों को भारत में किसी पहाड़ की चोटी से करीब 20,000 फुट की ऊंचाई से निकाला जाएगा."
पांडे ने कहा कि शवों को लाने के लिए आईटीबीपी के पर्वतारोहियों को भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर से नीचे उतारा जाएगा और इस अभियान के बुधवार को शुरू होने की उम्मीद है. पांडे ने कहा कि विशेष बचाव दल को सभी जरूरी उपकरण प्रदान किए गए हैं और जिला प्रशासन को इसके बारे में जानकारी दी गई है. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत आठ पर्वतारोही 13 मई को चोटी पर चढ़ाई के लिए मुनस्यारी से रवाना हुए थे लेकिन 25 मई को नियत तारीख पर वह बेस कैंप नहीं लौटे.
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