Modi Govt Formed Committee on Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ भू-धंसाव के मामले में केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी (Committee) गठित की है. ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी से स्टडी करेगी. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे. 


जोशीमठ में जमीन के घंसने (Joshimath Land Sinking) और कई घरों में दरारें पड़ने की घटना के बाद राज्य सरकार भी काफी गंभीर दिख रही है. सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.


जोशीमठ में जमीन धंसने के मामले में कमेटी गठित


केंद्र सरकार की ओर से गठित कमेटी तेजी से जमीन धंसने की घटना का अध्ययन करते हुए इसकी वजह और प्रभावों का पता लगाएगी. समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से ज्ञापन में कहा गया कि समिति बस्तियों, इमारतों, हाईवे, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणाली पर भू-धंसाव के प्रभावों का पता लगाएगी. 


सीएम धामी करेंगे जोशीमठ का दौरा


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जोशीमठ का दौरा करेंगे. मुख्यमंत्री जमीन धंसने की घटना का जायजा लेते हुए प्रभावित लोगों से मुलाकात भी करेंगे. इससे पहले शुक्रवार (6 जनवरी) को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में इस मसले को लेकर बैठक हुई. इस बैठक में राज्य के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी भी शामिल हुए. पुष्कर धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जान बचाना पहली प्राथमिकता है.


उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. बता दें कि भूकंपीय गतिविधि वाले कई घरों में दरारें आ रही हैं. प्रदेश के चमोली जिले में 6,000 फीट की ऊंचाई पर, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के मार्ग स्थित शहर, उच्च जोखिम वाले भूकंपीय 'जोन-5' में आता है. अब तक शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आई हैं.


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