Joshimath Sinking: जोशीमठ पहुंची केंद्र के विशेषज्ञों की टीम, कांग्रेस ने BJP को घेरा, कहा- राष्ट्रीय आपदा करें घोषित
उत्तराखंड के जोशीमठ की आपदा पर कांग्रेसी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पवन खेड़ा बोले- तबाही के लिए सरकार की लापरवाही जिम्मेदार, पीएमओ तत्काल रोके सुरंगों का काम, पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए.
Uttarakhand Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) को सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है. इसके साथ ही जोशीमठ और आसपास के इलाकों में निर्माण-कार्य रोक दिए गए हैं. प्रभावित इलाकों से लोगों को शिफ्ट करने का एक्शन प्लान भी केंद्र सरकार ने तैयार किया है. सरकार के विशेषज्ञों की टीम जोशीमठ में ही है, जो हालात का जायजा ले रही है. इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार पर कई आरोप लगाए. कांग्रेसी नेताओं ने कई मांगें भी उठाईं.
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि देवस्थल जोशीमठ में घर, मंदिर टूट रहे हैं. शिवलिंग तक में दरार आ गई, और दर्जनों परिवार बेघर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संज्ञान तब लिया, जब सब कुछ टूट गया. बता दें कि जोशीमठ मामले (Joshimath Sinking) को लेकर सोमवार, 9 जनवरी को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, देवेंद्र यादव आदि ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें पवन खेड़ा ने कहा कि यूपीए सरकार पर्यावरणविदों का संज्ञान लेती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती.
जोशीमठ में टाइम बम लगा हुआ है- कांग्रेस
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ''उत्तराखंड के जोशीमठ में यह जो त्रासदी हुई है, इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है. जिस सुरंग को कारण बताया जा रहा है उसका काम बंद हो, अन्य सुरंगें भी भरी जाएं.''
'पूरे मामले में सरकार की लापरवाही सामने आई'
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा, ''सीएम ने केवल दिखावे के लिए जोशीमठ का दौरा किया. जिन कांग्रेस नेताओं ने सीएम से मिलना चाहा उन्हें हिरासत में ले लिया गया. पूरे मामले में सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता सामने आई है.'' कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बिना सोचे समझे, बिना प्रकृति की सुरक्षा किए जो मोदी सरकार ने अनियंत्रित विकास किया है, उसका ख़ामियाजा आज जोशीमठ की जनता भुगत रही है.
कांग्रेस नेताओं ने उठाईं ये मांगें:
- जोशीमठ त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए.
- जोशीमठ शहर के विस्थापितों की मुआवज़ा राशि प्रधानमंत्री राहत कोष से दी जाए.
- प्रत्येक परिवार को राज्य सरकार आर्थिक मदद दे और केंद्र सरकार भी उचित मुआवज़ा दे. केवल 5 हजार रुपये का मुआवजा एक क्रूर मजाक है.
- रेलवे का कोई भी कार्य जिसमें पर्वतीय आपदा का ख़तरा हो उसे बंद किया जाए. उसका गहरा अध्ययन कर ही कार्यों को चरणबद्ध तरह से मंज़ूरी दी जाए.
- इस मानव रचित आपदा के लिए ज़िम्मेदार सुरंग को तत्काल बंद किया जाए और जो बंद किए गए लोहारीनाग-पाला और पाला-मनेरी परियोजना की सुरंगे हैं, उनको भरने का कार्य उचित अध्ययन के बाद तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए.
मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई अहम मीटिंग
जोशीमठ को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने रविवार को एक हाईलेवल मीटिंग की. उसके बाद सोमवार, 9 जनवरी की शाम को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास पर डिजास्टर मैनेजमेंट की मीटिंग बुलाई गई. उस मीटिंग में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के सचिव समेत सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें: दिल्ली के नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री की लिफ्ट गिरी, 3 मजदूरों की मौत, लापरवाही के तहत केस दर्ज