Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में पिछले कई दिनों से हो रहे भू-धंसाव की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. सैकड़ों घरों में दरारे आ गई हैं. जोशीमठ के बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार अलर्ट मोड पर है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद जोशीमठ पर नजर बनाए हुए हैं. सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों के रोते-बिलखते वीडियो वायरल हो रहे हैं. 


इसी बीच शनिवार को इंजीनियरों की टीम ने जोशीमठ में दरार वाले घरों का निरीक्षण किया. भू-धंसाव के चलते प्रशासन ने जोशीमठ में घरों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया. जोशीमठ के 9 वॉर्डों में 4000 भवनों का आकलन किया गया. सीबीआरआई के मुख्य अभियंता डॉ. अजय चौरसिया ने बताया कि हम भवनों के विवरण का आकलन कर रहे हैं कि भवन का निर्माण कैसे किया गया, किस सामग्री का उपयोग किया गया, क्या यह निर्धारित मानदंडों के अनुसार था.


उन्होंने कहा कि जिन घरों में दरारें आने की सूचना मिली है, उनके बाहर मीटर नापें. मूल्यांकन रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को प्रस्तुत की जाएगी ताकि वे उसके अनुसार एक प्रशासनिक योजना बना सकें.


चिन्हित कर दीवारों पर लगे पोस्टर 


गौरतलब है कि शनिवार को सर्वे करने पहुंचे इंजीनियरों की टीम ने जर्जर हो चुकी इमारतों को चिन्हित कर उनकी दीवारों पर ‘UNUSABLE’ का पोस्टर लगा दिया. लोग दूर खड़े होकर अपने घरों को निहार रहे थे, लेकिन हालात के मारे ये लोग फूट-फूट कर रोने के अलावा कुछ नहीं कर पाए. इंजीनियरों की टीम ने शनिवार दो दर्जन से अधिक इमारतों पर इस तरह के पोस्टर लगाए हैं.


नए स्थान पर जोशीमठ को बसाने की है योजना


बता दें कि शनिवार को ही जोशीमठ-औली को जोड़ने वाली रोप-वे के प्लेटफ़ॉर्म में आई दरार को देखते हुए रोप-वे को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. साथ ही उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ को एक बार फिर से बसाने की योजना तैयार की है. इसके लिए मौजूदा जोशीमठ के आसपास में ही चार स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां नए शहर की बसावट की जाएगी. नए शहर के बसने तक राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए अस्थाई तौर पर रहने खाने का इंतजाम किया है. इसके एवज में सभी प्रभावितों को सरकार की ओर से एक राहत राशि दी जाएगी.


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