Harak Singh Rawat Resigns: उत्तराखंड सरकार में वन और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण महकमे की जिम्मेदारी संभाल रहे हैवीवेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है. गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था और तब से हरक सिंह रावत समेत कुछ वरिष्ठ मंत्रियों की नाराजगी की बात सामने आई थी. पुष्कर धामी खटीमा से विधायक हैं. बिना कोई मंत्री पद पाए पुष्कर के सीधे मुख्यमंत्री बनने से नाराजगी पनपने की बात कही जा रही थी. बाद में ऊर्जा जैसा महत्वपूर्ण विभाग देकर हरक को खुश करने की कोशिश की गई.
दोबारा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं
कुछ महीनों तक सबकुछ सामान्य भी रहा, लेकिन अब जब हरीश रावत संन्यास लेने की बात करने लगे तो हरीश रावत की सरकार में सियासी संकट पैदा करने वाले चेहरे माने जाने वाले हरक सिंह फिर एक बार कांग्रेस में अपना भविष्य बेहतर मान रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में आम आदमी पार्टी की घोषणा को काउंटर करने के मकसद से सीमित संख्या में मुफ्त बिजली की घोषणा संबंधी प्रस्ताव पेश किया. सूत्र बताते हैं कि इस पर चर्चा शुरू हुई जो धीरे-धीरे बहस में तब्दील हो गई और हरक सिंह कैबिनेट की बैठक से नाराज होकर यह कहते हुए बाहर निकल गए कि वो अपना इस्तीफा देते हैं.
हालांकि अभी इस्तीफा जैसा कोई लिखित पत्र हरक ने नहीं दिया है. चर्चा यह भी है कि हरीश रावत के राजनीतिक संन्यास की चर्चाओं के बीच हरक सिंह कांग्रेस में अपना बेहतर भविष्य सोचकर चल रहे हैं. वहीं सूत्र बताते हैं कि हरक अपनी पुत्रवधू अनुकृति के लिए बीजेपी से टिकट की उम्मीद लगाए थे, जिस पर कोई समुचित जवाब नहीं मिल रहा था. यह भी हरक की नाराजगी की एक बड़ी वजह है.
हालांकि कहा जा रहा है कि हरक अपनी विधानसभा कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए को लेकर प्रस्ताव लाए थे, जिसे नामंजूर करने को लेकर वो नाराज हो गए और इस्तीफे की बात कहते हुए बैठक से बाहर निकल गए. वहीं खबर यह भी आ रही है कि देहरादून से विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि दोनों ही इस्तीफों को लेकर कोई पुष्टि नहीं कर रहा है.