Uttarakhand Election: उतराखंड की राजनीति में बीजेपी ने इस बार दोबारा सत्ता में ना लौटने का पुराना रिकॉर्ड तो तोड़ दिया, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की हार के बाद राज्य के नए मुख्यमंत्री को चुनना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. सीएम पद के चेहरे के लिए चल रही तमाम माथा पच्ची के बीच उत्तराखंड के स्पीकर रहे प्रेम चंद्र अग्रवाल ने भी सीएम की कुर्सी के लिए अपना दावा ठोका है. प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा है कि मैंने आलाकमान को अपनी राय दे दी है.
प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा, ''मैं चार बार का विधायक हूं और महत्वकांक्षा हर किसी में होती है. लिहाजा मैं भी दौड़ में हूं, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है.'' उन्होंने कहा, ''पार्टी जो भी निर्णय लेगी, उसे हर कार्यकर्ता मानेगा और स्वीकार करेगा.''
दिल्ली में बैठकों का दौर जारी
बता दें कि दिल्ली में उत्तराखंड की सरकार और सीएम पद का चेहरा चुनने के लिए बैठकों का दौर जारी है. एक बीजेपी नेता ने कहा, "उत्तराखंड में हम अजीब स्थिति में हैं. हमारे मुख्यमंत्री चुनाव हार गए और पार्टी जीत गई. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को यह तय करना है कि धामी को राज्य का नेतृत्व करने का मौका दिया जाएगा या नहीं. चुनाव हारने वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देना बीजेपी की प्रथा के खिलाफ होगा. बैठक में धामी के मुद्दे पर चर्चा जारी है."
धामी को मिल रहा है विधायकों का समर्थन
गौरतलब है कि हार के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को सीएम पद देने के लिए कई विधायकों ने अपना समर्थन दिया है. उनको दोबारा चुनाव लड़ाने के लिए कई विधायक अपनी सीट तक छोड़ने को तैयार हैं. उन्हीं में से एक रुड़की से चुनाव जीतने वाले प्रदीप बत्रा हैं. प्रदीप बत्रा ने कहा है, ‘’अगर राष्ट्रीय नेतृत्व पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाते है तो वो उनके चुनाव लड़ने के लिए अपनी रुड़की सीट छोड़ने को तैयार हैं और रुड़की विधानसभा से धामी को 20 हजार से अधिक वोटों जीत हांसिल कराएगे.’’
बीजेपी के सामने क्या है चुनौती?
उत्तराखंड में खुद बीजेपी के नेता बता रहे हैं कि पुष्कर सिंह धामी के लिए कुल छह विधायक अब तक अपनी सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं. निश्चित ही सीएम बनाने के लिए ये समर्थन धामी को सुकून देने वाला है. लेकिन आखिरी फैसला तो केंद्रीय आलाकमान ही करने वाला है. एक कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री बदल चुकी बीजेपी इस बार कोई ऐसा चेहरा देना चाह रही है जो 5 साल तक मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करे और 2024 में राज्य के सभी 5 लोकसभा सीटों पर जीत दिलाने का टारगेट भी पूरा कर सके.