Uttarakhand Raped Case: महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में लापता लड़कियों ऐर कामकाजी महिलाओं की शिकायतों की जांच के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है. वहीं उत्तराखंड में एक नर्स के साथ हुए रेप और फिर हत्या की स्वतंत्र जांच की भी अपील की गई है.


केंद्र-उत्तराखंड पुलिस से जवाब-तलब


उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक नर्स के साथ रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. उसकी लाश आठ दिन बाद उत्तर प्रदेश की सीमा से बरामद की गई थी. नर्स के परिवार का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस की अब तक की जांच से वे संतुष्ट नहीं हैं. परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा और मामले की सही तरह से जांच नहीं की। इस वजह से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से किसी दूसरी एजेंसी द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग की है.


सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर केंद्र और उत्तराखंड पुलिस से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने कहा कि यह कदम न केवल नर्स के परिवार के लिए न्याय की उम्मीद को जन्म देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों की ओर से कामकाजी महिलाओं और लापता लड़कियों की सुरक्षा को लेकर उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने फिल्मों और टेलीविजन जैसे माध्यमों का उपयोग करके भी इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने का सुझाव भी दिया.


उत्तराखंड पुलिस पर उठे सवाल


इस मामले की गंभीरता और इसके व्यापक सामाजिक प्रभाव को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को महसूस किया. यह जांच इस बात को स्पष्ट करने में मदद करेगी कि क्या पुलिस की जांच उचित रही या इसे लेकर कोई कमी थी. इस मुद्दे पर कोर्ट की अगली सुनवाई में और भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं.


ये भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी की वो 5 दलीलें, जो ले आईं अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल से बाहर!