नई दिल्ली: उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में ब्रह्म मुहूर्त में तड़के साढ़े चार बजे बद्री विशाल मंदिर के कपाट खोल दिए गए. कोरोना की वजह से इस सालाना आयोजन में सिर्फ गिने चुने लोग ही शामिल हुए. इसमें बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी, धर्माधिकारी समेत मंदिर से जुड़े 28 लोग ही शामिल थे. हर साल की तरह इस साल भी मंदिर को फूलों की माला से सजाया गया था, वेद मंत्रों के पाठ के साथ भगवान बद्री विशाल के गर्भ गृह के द्वार खोले गए. सबसे पहले बद्रीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने गर्भ गृह में भगवान की पूजा की और उसके बाद एक-एक कर बाकी लोगों ने दर्शन किए.


इससे पहले टिहरी के दरबार में हुई मंत्रणा के बाद 30 अप्रैल को सुबह साढ़े चार बजे बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने का समय निर्धारित किया गया था. लेकिन कोरोना वायरस के कोहराम की वजह से बद्रीनाथ धाम से जुड़े बोर्ड की बैठक में कपाट खुलने की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया.


बता दें कि प्रशासन की तरफ से कपाट खुलने से पहले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी. केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम दोनों जगहों पर रास्तों पर जमी बर्फ हटा ली गई थी. इसके लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर के जरिए मजदूरों को बर्फ हटाने के काम के लिए पहुंचाया था.


मालूम हो कि देश में कोरोना के मरीजों की तादाद 78 हजार के पार हो गई है वहीं अब तक 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 26 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं.


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