उत्तराखंड: देशव्यापी लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड स्थित केदारनाथ मंदिर के कपाट बुधवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खुल गए. पुजारियों ने परंपरागत तरीके से मंत्रोच्चार और विधि-विधान से पूजा अर्चना के साथ बाबा केदारनाथ की पूजा की. वहीं, पूरे मंदिर को फूलों से भी सजाया गया. लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से अभी श्रद्धालुओं को मंदिर जाने की अनुमति नहीं है. मंदिर के मुख्य पुजारी समेत सिर्फ 16 लोग ही यहां पर उपस्थित रह सकते हैं.


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आज पूरे विधि विधान के साथ 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं. आपका मनोरथ पूर्ण हो, बाबा केदार का आशीष सभी पर बना रहे, ऐसी मैं बाबा केदारनाथ जी से कामना करता हूं. बाबा से प्रार्थना है कि समस्त मानवता की कोरोना से रक्षा करें."



मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा गया. केदारनाथ धाम में 4 से 6 फीट तक बर्फ जमी हुई है. बर्फ के ग्लेशियरों को काटकर मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया गया है. शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान भक्तों की भीड़ नहीं थी.

बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे
उत्तराखंड की चार धाम यात्राओं में से अब तीन के कपाट खुल चुके हैं. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके हैं. केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुल गए. बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुल जाएंगे.

देवभूमि उत्तराखंड में स्थित केदानाथ और बदरीनाथ धाम लोगों की प्रमुख आस्था का केंद्र है. वहीं हिमालय पर्वत की गोद में स्थित केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिगों में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है. वही अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वतों के बीच स्थित बदरीनाथ धाम भी अपनी अनोखी छटा के लिए काफी प्रसिद्ध है.

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