उत्तर प्रदेश, मणिपुर और गोवा में सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है तो वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस अभी बरकरार है. पार्टी के राज्य इकाइयों में कुछ मतभेदों के बावजूद बीजेपी के तीन राज्यों में अपने मुख्यमंत्रियों को बनाए रखने को लेकर फैसला लगभग हो चुका है जबकि उत्तराखंड में अनिश्चितता जारी है. जहां निर्वाचित विधायकों का एक बड़ा वर्ग पुष्कर सिंह धामी का समर्थन करता नजर आ रहा है. पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बीद उत्तराखंड बीजेपी के लिए अब भी बड़ी पहेली बनी हुई है. उत्तराखंड में खुद मुख्यमंत्री के चुनाव हारने से बड़ा कन्फ्यूजन क्रिएट हो गया है. जो अब तक खत्म नहीं हो पाया है. सीएम पद के लिए दावेदार बहुत हैं. कई सीनियर नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और अपने लिए लॉबिंग करने में जुटे हैं.


उत्तराखंड में सीएम पद को लेकर सस्पेंस बरकरार


उत्तराखंड में बीजेपी के सामने सबसे बड़ा सवाल और उलझन ये है कि मुख्यमंत्री के लिए पुष्कर सिंह धामी या फिर कोई और चेहरा. पुष्कर सिंह धामी दो दिन पहले दिल्ली का दौरा भी कर चुके हैं. वो अमित शाह से भी मिले. इस मुलाकात में अनिल बलूनी भी मौजूद थे. कई दौर की मुलाकात के बावजूद मुख्यमंत्री को लेकर कोई फैसला अब तक नहीं हो पाया है. हालांकि ये तो तय है कि अब होली के बाद ही सीएम के नाम का एलान और शपथग्रहण होगा लेकिन सीएम कौन होगा इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. सवाल ये है कि क्या बीजेपी फिर से पुष्कर सिंह धामी को ही मौका देगी?


विधायक दल की बैठक में होगा नाम फाइनल


सूत्रों की माने तो उत्तराखंड के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी होली के अगले दिन 19 मार्च को देहरादून पहुंचेंगे. दोनों नेता नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करंगे. विधायक दल की बैठक में ही उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का नाम फाइनल होगा. बीजेपी इसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का भी ख्याल रखेगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश के लिए काफी मंथन के बाद योगी सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख तय हो गई. योगी आदित्यनाथ 21 मार्च को सीएम पद की शपथ लेगें. तो उधर पार्टी ने गोवा और मणिपुर पर भी फैसला कर चुकी है. गोवा में एक बार फिर प्रमोद सावंत तो मणिपुर में एन बीरेन सिंह ही मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. दोनों नेताओं ने बुधवार को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी.


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