Uttarakhand News: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गई झुग्गियों को हटाने के मामले में एक और अर्जी दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ दाखिल इस अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई करेगा. इससे पहले, स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश भी एक याचिका दाखिल कर चुके हैं. अब दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी.
बता दें कि सोमवार (2 जनवरी) को उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले के बनभूलपुरा के निवासियों ने शहर में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने संबंधी हाई कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. कांग्रेस सचिव काजी निजामुद्दीन ने बताया कि हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में क्षेत्र के निवासियों ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
कांग्रेस की पीएम मोदी और सीएम धामी से अपील
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अनुरोध किया है कि वे अतिक्रमण हटाने संबंधी इस आदेश पर मानवीय तरीके से विचार करें क्योंकि ऐसा होने पर 4,500 लोग बेघर हो जाएंगे. मंगलौर के पूर्व विधायक निजामुद्दीन ने कहा, "वे लोग इलाके में 70 साल से रह रहे हैं. वहां एक मस्जिद, मंदिर, पानी की टंकी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 1970 में डाली गई एक सीवर लाइन, दो इंटर कॉलेज और एक प्राथमिक विद्यालय है."
सुमित हृदयेश ने किया प्रदर्शन का समर्थन
हल्द्वानी के कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने बनफूलपुरा क्षेत्र के बाशिंदों के प्रदर्शन का मंगलवार को 'जबरदस्त समर्थन' किया और उनकी दुर्दशा के लिए उत्तराखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराया. हृदयेश ने कहा, "करीब 100 साल से इस क्षेत्र में लोग बसे हुए हैं. यहां 70 साल पुरानी मस्जिदें और मंदिर हैं. यहां नजूल जमीन, पूर्ण स्वामित्व वाली भूमि और लीजधारक हैं..."
गौरतलब है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने का 20 दिसंबर को आदेश दिया था. न्यायालय ने अतिक्रमणकर्ताओं को वह जगह खाली करने के लिए एक हफ्ते का नोटिस देने का आदेश दिया था.