देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में बचाव अभियान चौथे दिन बुधवार को भी जारी रहा जबकि दो और शव मिलने से मरने वालों की संख्या 34 हो गई. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में टनों गाद और मलबा आने की वजह से बचाव अभियान में आ रही मुश्किलों को देखते हुए उसमें फंसे 30-35 लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद ली जा रही है.
मौके पर मौजूद उत्तराखंड पुलिस के मुख्य प्रवक्ता और पुलिस उप महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने बताया, ‘‘इस समय हमारा सारा फोकस हमारे पास उपलब्ध सभी संसाधानों जैसे ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद से सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाना है.’’
रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आयी बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए. उसके बाद से ही वहां लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) द्वारा लगातार बचाव और तलाश अभियान चलाया जा रहा है.
भरणे ने बताया कि बचाव दल अब तक सुरंग के अंदर 80 मीटर तक पहुंच चुके हैं और अंदर फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए उन्हें टनों मलबे के बीच में से कम से कम 100 मीटर और रास्ता तय करना पडे़गा. उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर भी लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है.
उधर, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग—अलग स्थानों से अब तक कुल 34 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 170 अन्य अभी लापता हैं. इस बीच, पूर्व में लापता बताए गए ऋषि गंगा कंपनी के दो व्यक्ति सुरक्षित घर लौट आए हैं. चमोली के अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी रविंद्र नेगी ने बताया कि चमोली का रहने वाला सूरज सिंह और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला राशिद बुधवार को अपने घर लौट आए.
भीषण आपदा में मारे गए दोनों पुलिसकर्मियों, हैड कान्स्टेबल मनोज चौधरी और कांस्टेबल बलवीर सिंह गड़िया का बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें श्रद्धांजलि अपिर्त करते हुए कहा कि आपदा में मृत्यु का होना बहुत दुखद है.
रैणी और तपोवन क्षेत्र में भीषण त्रासदी में सभी मृतकों के प्रति संवदेना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए पूरी क्षमता से अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने आपदा प्रबंधन सचिव को शिनाख्त हो चुके मृतकों के आश्रितों को अविलंब राहत राशि उपलब्ध कराने और अज्ञात शवों के डीएनए रिकार्ड सुरक्षित रखने को कहा.