Drone Delivery Medicine: भारत में ड्रोन का विस्तार बड़ी तेजी से हो रहा है. ड्रोन की मदद से स्वास्थ्य सेवाओं में भी अब नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है. उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों में अब ड्रोन के जरिए दवाएं भेजने का शुभारंभ हो चुका है. ड्रोन के जरिए ऋषिकेश एम्स से दवा टिहरी पहुंचाई जा रही है. ऋषिकेश एम्स ऐसा करने वाला देश का पहला एम्स बन चुका है. ऋषिकेश एम्स ने ट्रायल के रूप में गुरुवार (16 फरवरी) से ड्रोन के जरिए दवा पहुंचाने की शुरुआत की. शुरुआत में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में टीबी की दवा भेजी गई.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी इसका वीडियो शेयर किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "ड्रोन का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रांतिकारी बदलाव! ऋषिकेश एम्स में ड्रोन आधारित सफल परीक्षण किया गया. एम्स हेलीपैड से जिला अस्पताल टिहरी गढ़वाल तक टीबी रोधी दवाओं के परिवहन के लिए 40 किमी की हवाई दूरी 30 मिनट में तय कर पहाड़ी इलाकों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है."
15 फरवरी को किया गया था परीक्षण
इससे पहले बुधवार (15 फरवरी) को ऋषिकेश एम्स के हेलीपैड पर ड्रोन सेवा का आसपास क्षेत्र में परीक्षण किया गया, जो सफल रहा था. इस सफलता के बाद ऋषिकेश एम्स ने गुरुवार (16 फरवरी) यानी आज पहली बार टिहरी जनपद में ड्रोन के जरिए टीबी के मरीजों के लिए दवा भेजा. ड्रोन वापस आते समय में अपने साथ मरीजों के सैंपल लेकर आया. ड्रोन के जरिए दवाएं भेजने में समय की काफी बचत हुई. जानकारी के मुताबिक, ऋषिकेश एम्स से टिहरी-गढ़वाल के जिला अस्पताल तक दवा पहुंचने में करीब एक घंटा लगा.
दुर्गम क्षेत्रों में होगा ड्रोन सेवा का इस्तेमाल
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिहरी में चिकित्सक और स्टाफ की टीम ने ड्रोन से भेजे जाने वाली ये दवाएं प्राप्त कीं. ऋषिकेश एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने इस ऑपरेशन को लेकर कहा, "हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्र में जहां सड़क मार्ग के जरिए जरूरतमंदों तक दवाओं को भेजने और वहां से आवश्यक सेंपल एम्स ऋषिकेश तक लाने में बहुत ज्यादा वक्त लगता है. उन स्थानों के लिए ड्रोन सेवा का इस्तेमाल किया जाए."
पीएम मोदी का सपना हो रहा साकार
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीबी मुक्त भारत का संकल्प दोहराया था. इस संकल्प को हमने उत्तराखंड में साकार करने की कोशिश की है." उन्होंने बताया, "ड्रोन से दवा भेजने के अभियान के तहत सभी होमवर्क पूरा करने के बाद बुधवार (15 फरवरी) को इसका ट्रायल किया गया, जो सफल रहा. अभी हमने उत्तराखंड के जनपद टिहरी गढ़वाल को इस सेवा के लिए चुना है."
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