Joshimath News Today: पर्वतीय राज्‍य उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ में एक मंदिर अचानक ढह (Temple collapse) गया. हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. घटना जोशीमठ के सिंगधर वॉर्ड स्थित मंदिर की है, जो कि आज 6 जनवरी यानी कि शुक्रवार की शाम ढह गया. गनीमत रही कि घटना के वक्‍त मंदिर के भीतर कोई नहीं था.


आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि मंदिर ध्‍वस्‍त होने की वजह से कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और करीब 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. वहीं, इस घटना ने बड़ी आपदा के डर के साए में रह रहे लोगों को और अधिक चिंतित कर दिया है. स्थानीय निवासियों के अनुसार, करीब 15 दिन पहले मंदिर में बड़ी दरारें आई थीं, इसलिए उसे खाली कर दिया गया था. अंत में शुक्रवार की शाम को मंदिर ढह गया.


दर्जनों परिवार दूसरे स्‍थानों पर भेजे गए


आपदा प्रबंधन के निदेशक पंकज चौहान ने कहा कि मंदिर ढहने के बाद वहां मौजूद घरों से जो लोग निकाले गए हैं, उन लोगों के अलावा 60 अन्य परिवारों को दूसरे स्थान पर भेजा गया है. पंकज चौहान ने कहा कि वे लोग विष्णु प्रयाग जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों के लिए बनी कॉलोनी में रहते थे.


बताते चलें कि इस क्षेत्र में मारवाड़ी इलाका सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 3 दिन पहले भी एक हादसा हुआ था. क्षेत्र के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि पानी का तेज बहाव अब भी जारी है.


‘चारधाम ऑल वेदर रोड’ की परियोजना रोकी गई


हादसे के बाद ‘चारधाम ऑल वेदर रोड’ (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और NTPC की पनबिजली परियोजना जैसी बड़ी परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को स्थानीय लोगों की मांग पर अगले आदेश तक रोक दिया गया है.


सालभर से भी ज्‍यादा समय से धंस रही जमीन


स्थानीय नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष ऋषि प्रसाद ने बताया कि औली रोपवे सेवा को भी नीचे एक बड़ी दरार आने के बाद बंद करना पड़ा. उन्होंने कहा कि उक्‍त इलाके में एक साल से भी ज्‍यादा समय से जमीन धंस रही है, लेकिन पिछले एक पखवाड़े में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है. इस बीच, पुनर्वास की मांग को लेकर लोगों ने शुक्रवार को जोशीमठ के तहसील कार्यालय पर धरना दिया.


मुख्यमंत्री बोले- बचाव के लिए सबकुछ करेंगे


राज्‍य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में कहा कि विशेषज्ञों का एक दल समस्या के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के लिये जोशीमठ में मौजूद है और शहर को बचाने के लिये सब कुछ किया जाएगा.


यह भी पढ़िए: चीफ जस्टिस अपनी 2 बेटियों को साथ लेकर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, बताया- कहां बैठते हैं जज और वकील, क्या है उनका काम