Silkyara Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 15 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कई विकल्पों पर काम हो रहा है. इनमें प्लान A,B,C और D शामिल हैं. विभिन्न एजेंसियों की ओर से बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है.
क्षैतिज ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन का हिस्सा टूटकर फंसने से श्रमिकों के बाहर आने में इंतजार बढ़ गया है. अधिकारी इसकी सटीक भविष्यवाणी नहीं कर रहे हैं कि कब तक श्रमिकों को निकाल लिया जाएगा. 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था जिससे इसमें काम कर रहे 41 श्रमिक उसमें फंस गए थे.
क्या हैं प्लान A,B,C और D?
प्लान ए के मुताबिक, सुरंग में हॉरिजोंटल ड्रिलिंग की जानी थी. अब तक यही ड्रिलिंग की जा रही थी, जिसके काम में अमेरिकी ऑगर (बरमा) मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है था. ऑगर मशीन के ब्लेड शुक्रवार (24 नवंबर) की रात मलबे में फंस गए थे.
ऑगर मशीन के मलबे में फंसे हिस्सों को काटकर हटाने के लिए हैदराबाद से हवाई मार्ग के जरिए एक प्लाज्मा मशीन को लाया गया है, इस ड्रिलिंग से बचाव कार्य को आगे बढ़ाने के लिए मशीन को पूरी तरह से हटाना आवश्यक है. इसके बाद श्रमिकों को बाहर निकालने का मार्ग तैयार करने के लिए मलबे के शेष 10 या 12 मीटर हिस्से में में हाथ से ड्रिलिंग के जरिए पाइप डालने होंगे.
प्लान बी वर्टिकल ड्रिलिंग
सिलक्यारा सुरंग में रविवार (26 नवंबर) को प्लान भी यानी वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी गई. इसमें सुरंग के ऊपर से खड़ी (लंबवत) ड्रिलिंग की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, हॉरिजोंटल ड्रिलिंग कर रही बरमा मशीन के टूटने के एक दिन बाद वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने रविवार को उत्तरकाशी में मीडिया को बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी है और 15 मीटर का हिस्सा ड्रिल किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि अगर कोई अड़चन नहीं आई तो इस रास्ते से फंसे श्रमिकों तक पहुंचने में 100 घंटे लगेंगे. पहले अधिकारियों ने कहा था कि बचावकर्मियों को ऊपर से 86 मीटर तक ड्रिल करना होगा.
प्लान सी बड़कोट छोर से खुदाई
प्लान सी के मुताबिक सिलक्यारा सुरंग में बड़कोट कस्बे की तरफ वाले छोर से भी खुदाई का काम चल रहा है. यहां करीब 500 मीटर की खुदाई करने के बाद अंदर फंसे श्रमिकों तक पहुंचा जा सकेगा. अभी 10 मीटर की खुदाई हुई है. इसलिए, यहां से खुदाई होने में 12 से 13 दिन लगने का अनुमान लगाया गया है.
प्लान डी क्या है?
प्लान डी के मुताबिक श्रैतिज और खड़ी ड्रिलिंग की जानी है. अभी यह शुरू नहीं हुई है. इस तरीके से ड्रिलिंग शुरू होने के बाद पूरा होने में 16 से 18 दिन का समय लग सकता है.