Uttrakhand Uniform Civil Code: एक तरफ समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर लॉ कमीशन ने विभिन्न धार्मिक संगठनों और लोगों से विचार मांगे हैं. दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार जल्द ही विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर ड्राफ्ट पेश करेगी.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एबीपी न्यूज से बातचीत में मंगलवार (20 जून) को कहा कि राज्य के लोग चाहते थे कि यूसीसी लागू हो. इस कारण ही हमें चुना गया. उन्होंने राज्य के डेमोग्राफी चेंज को लेकर भी कहा कि देश दुनिया के लोग चाहते हैं कि यहां का मूल स्वरूप नहीं बदले. डेमोग्राफी चेंज को रोकना है. हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है.
पुष्कर सिंह धामी ने क्या कहा?
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने 2022 विधानसभा के चुनाव में हमने यह संकल्प रखा था कि हमारी नई सरकार का गठन होते ही हम समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए उसके अवलोकन के लिए कमेटी का गठन करेंगे और कमेटी सबसे बात करेगी.
धामी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने अपना मत दिया और बीजेपी को सत्ता में लेकर आई. जनता समान नागरिक संहिता चाहती थी. उत्तराखंड के प्रत्येक परिवार से कोई सेना में है या कोई अर्धसैनिक बलों में हैं. देश में कहीं ना कहीं अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस कारण उत्तराखंड दुनिया भर के धर्म, संस्कृति का केंद्र है और राजधानी भी है.
सुप्रीम कोर्ट और संविधान का किया जिक्र
धामी ने कहा, ''उत्तराखंड में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए चाहे फिर वो किसी पंथ का, किसी समुदाया का हो या धर्म का हो. सबके लिए एक कानून होना चाहिए.संविधान में भी यूसीसी का उल्लेख किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी समय समय पर सरकारों को इसे लागू करने के लिए कहा है. इसलिए हम इस दिशा में आगे बढ़े हैं.''
उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने संविधान बनाया. संविधान समिति ने जो संविधान बनाया उसके में इसका उल्लेख है. हमारी कमेटी ने 2 लाख से ज्यादा लोगों से उनका मत जाना है. इससे प्रभावित होने वाले सभी स्टेक होल्डर से बात की है. अलग अलग जगहों पर जाकर सबके विचार जानकर कमेटी काम कर रही है. जब फाइनल ड्राफ्ट आएगा तभी पता लगेगा कि उन्होंने किस प्रकार से काम किया है.
यूसीसी कमेटी क्या काम कर रही है?
सीएम धामी ने कहा कि दुनिया के लोग चाहते हैं कि उत्तराखंड का मूल स्वरूप किसी भी कीमत पर खराब नहीं होना चाहिए. बहन बेटियों के साथ किसी भी तरह का धोखा नहीं होना चाहिए. किसी भी तरह की उनके साथ ठगी नहीं होनी चाहिए. यहां की जो डेमोग्राफी चेंज को भी रोकना है.
उन्होंने कहा कि हमारी बहन, बेटियों और माताओं के साथ जो हो रहा है उसे कोई भी जायज नहीं ठहरा सकता है. हम किसी भी पंथ, जाति या धर्म के खिलाफ नहीं हैं. हमने तो सबका साथ, सबता विकास और सबका प्रयास का जो मंत्र दिया है उसी मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं. उत्तराखंड में भाई चारे के साथ आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए किसी के खिलाफ कुछ करना, किसी को परेशान करना या तुष्टिकरण करना यह हम लोगों का मिजाज नहीं है. हम को सबके हित के लिए इसे लेकर आए हैं. सबके उत्थान के लिए यूसीसी कमेटी काम कर रही है.
जनसख्या नियंत्रण पर क्या कहा?
धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है. इस कारण जो भी काम होता है उसमें भगवान की इच्छा निहित होती है. यूसीसी का काम आगे बढ़ रहा है तो भगवान की इच्छा से हो रहा है, उत्तराखंड की देवतुल्य जनता की इच्छा से हो रहा है. आपने जो जनसंख्या की बात क तो निश्चित रूप से भगवान की इच्छा होगी और यहां की जरूरत होगी तो उसे भी करेंगे.
यूसीसी क्यों ला रहे हैं?
धामी ने कहा कि मुझसे बहुत से संगठनों के लोग मिले हैं, मुस्लिम संगठनों के लोग भी मिले हैं. जो भी भारत के संविधान को मानता है तो संविधान में उल्लेख की गई चीज का विरोध नहीं करेगा, लेकिन जो संविधान को नहीं मानता और इसका विरोध कर रहा है तो उसके लिए हम क्या कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सभी एक साथ रह रहे हैं. हमारी कमेटी इस पर काम रही है. देश के अन्य राज्य भी आगे बढ़ें. पिछले एक साल से यूसीसी कमेटी काम कर रही है. इसका ड्राफ्ट जैसे ही मिल जाएगा उसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे. किसी में विभेद करना हमारा उद्देश्य नहीं है. सभी को समान कानून मिले इसके लिए हम इसे ला रहे हैं.
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