Uttarakhand Miister Ganesh Joshi: उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में मंत्री गणेश जोशी ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि शहादत पर गांधी परिवार का कोई एकाधिकार नहीं है. यही नहीं, बीजेपी नेता ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या को 'हादसा' बता दिया.


गणेश जोशी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में दिए गए भाषण को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बोल रहे थे. जोशी ने कहा, मुझे राहुल गांधी की समझ पर दया आती है. शहादत पर गांधी परिवार का एकाधिकार नहीं है. भारत के स्वतंत्रता संग्राम ने भगत सिंह, सावरकर और चंद्रशेखर आजाद की शहादतें देखी हैं."


राहुल गांधी की समझ पर उठाया सवाल
जोशी ने आगे कहा, गांधी परिवार के सदस्यों के साथ जो हुआ (इंदिरा और राजीव की हत्या), वह हादसा था. हादसे और शहादत में फर्क होता है. लेकिन कोई अपनी समझ के स्तर से ही बोल सकता है."


गणेश जोशी, उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में कृषि, किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और सैनिक कल्याण मंत्री हैं. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा अच्छी तरह से पूरी होने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया. 


जोशी ने कहा, "इसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है. यदि उनके नेतृत्व में धारा 370 को समाप्त नहीं किया गया होता और जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति नहीं लौटी होती, तो राहुल गांधी लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहरा पाते." भाजपा के तिरंगा फहराने का जिक्र करते हुए गणेश जोशी ने कहा जब मुरली मनोहर जोशी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था, तब जम्मू-कश्मीर में हिंसा चरम पर थी.


क्या कहा था राहुल गांधी ने?
कन्याकुमारी से चली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का 30 जनवरी (सोमवार) को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समापन हो गया था. इस दौरान शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में एक सभा रखी गई थी. सभा में बोलते हुए राहुल गांधी ने उन पलों को याद किया था जब उन्हें अपनी दादी और पिता राजीव गांधी की हत्या के बारे में फोन पर बताया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि हिंसा भड़काने वाले उस दर्द को कभी नहीं समझेंगे.


राहुल गांधी ने कहा, "जो लोग हिंसा भड़काते हैं, जैसे मोदीजी, अमित शाहजी, भाजपा और आरएसएस, इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे. एक सेना के जवान का परिवार समझेगा, पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का परिवार समझेगा, कश्मीरी समझेंगे वह दर्द, जब वह फोन कॉल किसी को आती है."


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