'तो मैं सबसे बड़ा हूं, सबसे बाद में बाहर निकलूंगा', मजदूरों ने बताया 17 दिन टनल के अंदर क्या क्या किया
Uttarakhand Tunnel Collapse: गब्बर सिंह नेगी ने बताया कि वह वहां पर बाकी मजदूरों का हौसला बढ़ाते थे. इस बात की पुष्टी बाकी मजदूरों ने प्रधानमंत्री मोदी से भी की और उन्होंने उनकी सराहना की.
Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग से मंगलवार (28 नवंबर 2023) की रात सुरक्षित बचाए गए 41 श्रमिकों ने मीडिया से बात की. उनके बाहर निकलने के बाद उनसे सवाल पूछा गया कि उन्होंने जमीन से कई मीटर नीचे फंस जाने के बाद अपना ध्यान बांटे रखने और समय बिताने के लिए क्या किया. एक मजदूर गब्बर सिंह नेगी ने कहा, हम योगा करते थे, लूडो खेलते थे और भगवान से प्रार्थना करते थे कि वो हमें जल्दी से बाहर निकालें'.
गब्बर सिंह नेगी ने अपनी आप बीती सुनाते हुए बताया कि जैसे ही मलबा गिरा और सुरंग का हिस्सा बंद हो गया तो हम लोग चौंक गये. आवाज इतनी तेज थी कि हमारे कान कुछ देर के लिए सुन्न हो गये. हम समझ गये कि हम फंस चुके हैं. इसलिए हमने अपनी ट्रेनिंग के मुताबिक सबसे पहले पानी का पाइप खोल दिया, जिससे कि उनको पता चल सके. 18 घंटे तक हम बाहर की दुनिया से पूरी तरह से कटे हुए थे. हमें नहीं पता था कि क्या होगा.
'तो मैं सबसे बाद निकलुंगा'
कई घंटो बाद जब उन्होंने अपने भाई से बात की तो उनसे उनके भाई ने आशंका जाहिर कि क्या होगा अगर उस समय वहां पर एनडीआरएफ पहुंचे और पहले निकलने की होड़ में वहां भगदड़ मच जाये, ऐसे में उन्होंने अपने भाई को जवाब दिया कि यहां पर मैं सबसे बड़ा हूं इसलिए मैं सबसे बाद में निकलूंगा.
नेगी आगे बताते हैं कि सिक्योरिटी मेजर के मुताबिक पानी की पाइप खोलते ही बाहर से लोगों ने हमको उसी पाइप के जरिए ऑक्सीजन भेजनी शुरू कर दी. ये स्टैंडर्ड सिक्योरिट प्रोसिजर का हिस्सा था.
'बाकी मजदूरों से बात करके हौसला बढ़ाता था'