Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को सकुशल वापस न‍िकालने के ल‍िए राहत और बचाव काम जारी है. इस बीच मंगलवार (21 नवंबर) को उनसे वॉकी टॉकी से बात की गई.  कुछ मजदूरों के परिवार वालों ने फंसे हुए मजदूरों से बात भी की.   


फंसे हुए मजदूरों में से एक जयदेव ने सुरंग ढहने वाली जगह पर सुपरवाइजर से बात करते हुए बांग्ला में कहा, " मां, मेरी चिंता मत करो, मैं ठीक हूं. कृपया आप और पिताजी समय पर खाना खाएं."


बड़कोट छोर से भी सुरंग में ड्रिलिंग का काम शुरू
मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बड़कोट छोर से भी सुरंग में ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है. इसके लिए टीएचडीसी की आठ से 10 लोगों की टीम मौके पर पहुंच गई है. यहां से दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार की जाएगी.


पाइपलाइन पहुंच रहा खाने-पीने का सामान
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि जीवन रक्षा के लिए राशन, दवा और अन्य आवश्यक चीजें कंप्रेसर की मदद से मजदूरों तक पहुंचाई जा रही हैं. मजदूरों को 4 इंच की पाइपलाइन सूखे मेवे और अन्य खाने-पीने का सामान भेजा रहा है. 


उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर पर्याप्त पानी, ऑक्सीजन शक्ति और रोशनी है. फिलहाल हमारा ध्यान ऑगर मशीन से हॉरिजोंटल ड्रिलिंग करने पर है .सुरंग पहले से ही बनी होने के कारण  वहीं 2 किमी तक जगह मौजूद है.


वॉकी-टॉकी से मजदूरों से हुई बात
सड़क और परिवहन के अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने कहा, "6 इंच की पाइपलाइन के माध्यम से, हमने अंदर एक वॉकी-टॉकी भेजा और बात की गई. हमें एक वीडियो भी मिला जिससे पता चला है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं."


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए 2 किमी लंबी सुरंग भी बनाई गई है. उत्तरकाशी सुरंग बचाव कार्य को लेकर ओएनजीसी की एक्सपोलेरेशन डायरेक्टर सुषमा रावत ने कहा कि बचाव प्रयासों की निगरानी की जा रही है और हमें सभी आवश्यक सहायता मिल रही है.


मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन चैनलों को एक सलाह जारी की है कि वे उत्तराखंड के सिल्कयारा में चल रहे बचाव अभियान को सनसनीखेज बनाने से बचें और सुरंग स्थल के लाइव पोस्ट/वीडियो न दिखाएं .


क्या बोले पुष्कर सिंह धामी?
इससे पहले राहत और बचाव कार्यों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि छह इंच की पाइपलाइन के माध्यम से सुरंग में फंसे हुए मजदूरों के साथ संचार स्थापित किया गया है. यह एक बड़ी सफलता और उत्साहजनक संकेत है.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडर ग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर आर्नल्ड डिक्स ने कहा, "मुझे लगता है कि यहां टीम ने अद्भुत काम किया है. यह बहुत शानदार है." बता दें कि दिवाली के दिन उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग के धंसने के कारण 41 मजदूर फंस गए थे. 10 दिन के बाद भी अभी तक मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है. 


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