(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Tunnel accident: उत्तरकाशी टनल के रेस्क्यू में कितना लगेगा वक्त? अब 41 मजदूरों का आगे क्या होगा, जानें
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 40 मजदूरों के राहत और बचाव अभियान के आखिरी चरण की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ केंद्रीय मंत्री वी के सिंह मौके पर मौजूद हैं.
Tunnel Accident Rescue Operation Final Stage: उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग में बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में है. यहां फंसे 41 मजदूरो तक आखिरी पाइप ले जाने के रास्ते में आई लोहे की जाली को काटकर हटा दिया गया है. अब बस आखिरी पाइप डाला जा रहा है, जिसके जरिए मजदूरों को बाहर लाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. इस पाइप का रेडियस 80 सेंटीमीटर है, जिसमें आसानी से रेंगते हुए मजदूर बाहर भी आ सकेंगे और एनडीआरएफ की टीम भी अंदर जाकर उन्हें सुरक्षित ले आ सकेगी.
बचाव अभियान का आज गुरुवार (23 नवम्बर) को 12वां दिन है. आज किसी भी वक्त मजदूरों को बाहर निकलने का काम शुरू हो सकता है. हालांकि बचावकर्मियों ने कोई समय सीमा नहीं बताई है. गुरुवार तड़के ड्रिलिंग में बाधा आई थी, क्योंकि अमेरिका निर्मित आगर मशीन के रास्ते में लोहे की जाली आ गई थी. 6 घंटे की मशक्कत के बाद जाली को काटकर हटा दिया गया है और ड्रिलिंग का काम फिर से शुरू हो गया है.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | DG NDRF, Atul Karwal says "Auger machine has started operating again. We are estimating to send 2-3 pipes of 6 metres inside. Hopefully, by the end of the day, if we do not get any obstacles, the rescue operation will be… pic.twitter.com/OMuwxBf5i5
— ANI (@ANI) November 23, 2023
12 मीटर का आखिरी पाइप डाला जा रहा है
सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए आखिरी 12 मीटर तक पाइप डालने का काम अंतिम चरण में है. प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, "मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पाइप की राह में बाधा डालने वाली लोहे की जाली को काटकर हटा दिया गया है. हम 45 मीटर के निशान से 6 मीटर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. कल रात 45 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई थी, जिसके बाद पाइप की राह में लोहे की जाली आने की वजह से काम रोकना पड़ा था. अब हमें उम्मीद है कि आगे हमारे रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी."
मौके पर मौजूद है सीएम पुष्कर सिंह, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी पहुंचे
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सुबह करीब साढ़े दस बजे घटनास्थल पर पहुंचे. 12 दिनों के इस बड़े ऑपरेशन के आखिरी चरण की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहले से ही मौजूद हैं.
ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंचे एनडीआरएफ के जवान
इस बीच एनडीआरएफ जवानों की एक टुकड़ी ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पाइप के अंदर घुसी है. अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "फिलहाल, ऐसा लगता है जैसे हम सामने के दरवाजे पर हैं और हम उस पर दस्तक दे रहे हैं. हम जानते हैं कि लोग दूसरी तरफ हैं."
ग्रीन कॉरिडोर से अस्पताल ले जाए जाएंगे मजदूर
टनल के बाहर एंबुलेंस पहले ही पहुंच चुकी हैं. जैसे ही मजदूरों को बचाया जाएगा, उन्हें ग्रीन कॉरिडोर के जरिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा. यहां स्थानीय अस्पताल में 41 बेड संरक्षित रखे गए हैं. अगर मजदूरों की सेहत गंभीर होती है तो उन्हें ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा.
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