Silkyara Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का अभियान जारी है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन का आज शुक्रवार (24 नवंबर) को 13वां दिन है. गुरुवार (23 नवंबर) के दिन ऐसा माना जा रहा था कि मजदूरों को शाम तक निकाल लिया जाएगा लेकिन मशीन में खराबी आ गई और ये ऑपरेशन रुक गया.


इस मामले पर इंटरनेशनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “ऐसा लग रहा है कि पहाड़ों ने कुछ और ही सोच रखा था.” उन्होंने गुरुवार को कहा कि उत्तरकाशी में सुरंग में मलबे के रास्ते ड्रिलिंग करने वाली ‘ऑगर’ मशीन में फिर से कुछ समस्याएं आईं थीं. सुरंग के रास्ते में लोहे के सरिए मिलने के बाद बुधवार को छह घंटे तक बचाव अभियान बाधित रहा था. उसके कुछ घंटे बाद डिक्स की ये टिप्पणी सामने आई.


कब-कब रोकना पड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन?


गुरुवार को अभियान फिर शुरू होने से पहले विशेषज्ञों ने उस अवरोध को दूर कर दिया था. मशीन में समस्या आने के कारण शुक्रवार दोपहर से मंगलवार रात तक ड्रिलिंग रोक दी गई थी. डिक्स ने कहा,'' ऑगर मशीन में तीसरी बार कुछ समस्या आ रही है. पहले भी ऐसी समस्या आयी थी.''






उन्होंने मौजूदा समस्या के बारे में विस्तार से नहीं बताया और ये भी स्पष्ट नहीं किया कि मशीन में समस्या से बचाव अभियान में कितनी देरी होगी क्योंकि अभियान 13वें दिन में प्रवेश कर चुका है. उन्होंने कहा, ''सुरंग में फंसे हुए मजदूर सुरक्षित और स्वस्थ हैं, ऐसे में जल्दबाजी नहीं करना बहुत जरूरी है. अगर हम इस तरह की स्थिति में जल्दबाजी करते हैं तो ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते.''


उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जोरों पर है और एजेंसियां ​​कई बचाव विकल्पों पर काम कर रही हैं. सुरंग निर्माण संबंधी विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ के प्रमुख डिक्स परामर्श देने के लिए अभी सिलक्यारा में हैं. उत्तराखंड के चार धाम के रास्ते में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर को एजेंसियों की ओर से बचाव अभियान शुरू होने के बाद से ये तीसरी बार है कि ड्रिलिंग का काम रोका गया.


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