Uttarkashi Tunnel Rescue: रेस्क्यू ऑपरेशन में फिर आई अड़चन, सुरंग में फिर गिरा मलबा, NDMA टीम ने दी लेटेस्ट जानकारी
Tunnel Accident Rescue Operation Update: एनडीएमए ने रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी अहम जानकारी देते हुए कहा है कि हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है. सभी मजदूरों के निकासी में 3-4 घंटे लग सकते हैं.
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Tunnel Accident Rescue Operation: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में बीते 17 दिनों से फंसे मजदूरों को महज कुछ ही देर में बाहर निकाल लिया जाएगा. इस बात की जानकारी एनडीएमए यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने अपने ताज़ा प्रेस ब्रीफिंग में दी है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सैयद अता हसनैन ने कहा है कि अब 58 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई है.रातभर काम किया गया है, हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है. 58 मीटर तक जाना ये अभूतपूर्व उपलब्धि है.अभी 2 मीटर और जाना है तब हम कह सकते हैं कि हम आर पार हो गए हैं. उन्होंने अपनी बात पूरी करते हुए कहा कि सभी सुरक्षा एहतियात बरते गए हैं.
तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट ने आगे कहा कि NDRF का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है. एनडीआरएफ के चार जवानों की तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई है. ये अंदर जाएंगी और ये सारी चीज़ें व्यवस्थित करेंगी. साथ ही पैरामेडिक्स भी सुरंग के अंदर जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि अनुमान है कि 41 लोगों में से प्रत्येक को निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा. पूरी निकासी में 3-4 घंटे लगने की उम्मीद है.
आपात स्थिति के लिए हेलीकॉप्टर मौजूद
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है. चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है. ऐसे में हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे. देरी होने के कारण मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा. वहां पर जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा तथा 10 बेड की सुविधा भी साइट पर तैयार है. चिनूक रात में उड़ान भर सकता है लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं है और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यदि अत्यावश्यकता हो तो श्रमिकों को 1 या 2 एम्बुलेंस में ऋषिकेश लाया जा सकता है.
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