Uttarakhand Congress Dispute: कल Rahul Gandhi से मिल सकते हैं Harish Rawat, बात नहीं बनी तो उठा सकते हैं ये कदम
Harish Rawat To Meet Congress Leadership: केरल से लौट कर राहुल गांधी शुक्रवार को उत्तराखंड के नेताओं से मिल सकते हैं, जिसमें हरीश रावत के भी मौजूद रहने की संभावना है.
Uttarakhand Assembly Elections: उत्तराखंड कांग्रेस (Congress) के विवाद को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हो गया है. सूत्रों के मुताबिक नाराज हरीश रावत से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने संपर्क किया और नाराजगी दूर करने का भरोसा दिया गया है. केरल से लौट कर राहुल गांधी शुक्रवार को उत्तराखंड के नेताओं से मिल सकते हैं, जिसमें हरीश रावत के भी मौजूद रहने की संभावना है.
मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जाने, टिकट बंटवारे में पर्याप्त भागीदारी को लेकर हरीश रावत पार्टी पर दबाव बना रहे हैं. प्रभारी देवेंद्र यादव के तौर-तरीकों से भी उन्हें शिकायत है. बात नहीं बनी तो 5 जनवरी को हरीश रावत देहरादून में कोई बड़ा एलान कर सकते हैं. रावत समर्थकों को देहरादून में इकट्ठा होने को कहा गया है. रावत कैंप का दावा है कि उपेक्षा से नाराज हरीश रावत 5 जनवरी को राजनीति से संन्यास लेने का एलान कर सकते हैं.
#चुनाव_रूपी_समुद्र
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है,
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हरीश रावत के साथ प्रीतम सिंह, राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पार्टी नेता यशपाल आर्य भी शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगे. हरीश रावत के तेवर बुधवार को बगावती नजर आए और उन्होंने ट्वीट कर अपनी ही पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए. उन्होंने सियासी हलकों में यह कहकर हड़कंप मचा दिया कि पार्टी संगठन उनके साथ कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहा है और उनका मन सब कुछ छोड़ने को कर रहा है.
अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं. बुधवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने ट्वीट किया था, ' है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है .'
उन्होंने कहा था, 'सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं और जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत, अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है.'
You reap what you sow! All the best for your future endeavours (if there are any) @harishrawatcmuk ji. https://t.co/6QfFkVt8ZO
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 22, 2021
हालांकि, रावत ने कहा था, 'फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है कि "न दैन्यं न पलायनम्". बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे.'
जब इस ट्वीट के बारे में रावत के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि पार्टी के अंदर की कुछ ताकतें उत्तराखंड में पार्टी की संभावनाओं को प्रभावित करने के लिए बीजेपी के हाथों में खेल रही हैं.
उन्होंने कहा था, 'उत्तराखंड में हरीश रावत का कोई विकल्प नहीं है. वह प्रदेश में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं जिन्होंने पार्टी के झंडे को उठाकर रखा है. लेकिन कुछ ताकतें राज्य में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए बीजेपी के हाथों में खेल रही हैं.'.
रावत के इस ट्वीट के बाद पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने उन पर कटाक्ष किया. उन्होंने रावत को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'आप जो बोते हैं, वही काटते हैं. भविष्य की योजनाओं (यदि कोई हो तो) के लिए शुभकामनाएं हरीश रावत.'