कुदरत के कहर का शिकार बने केदारनाथ में लौटी रौनक, श्रद्धालुओं के सैलाब ने तोड़े पिछले सारे रिकॉर्ड
केदारनाथ: साल 2013 में कुदरत के कहर का शिकार बने उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में चार साल बाद रौनक पूरी तरह लौट आई है. तीन मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे, तब से वहां श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ रहा है कि पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं.
बर्फ से ढंकी चोटियों के बीच केदारनाथ मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई है. केदारनाथ मंदिर के कपाट रोज सुबह 6 बजे खुलते हैं, लेकिन इस बार श्रद्धालु इतनी तादाद में पहुंच रहे हैं कि सुबह चार बजे से यहां लंबी लंबी कतार लग रही हैं. शाम पांच बजे तक मंदिर प्रांगण में ऐसा ही नजारा रहता है.
दर्शन का नंबर न कट जाए, इस डर से घंटों कतार में लगे होने और मौसम बिगड़ने के बावजूद श्रद्धालु लाइन नहीं छोड़ रहे हैं. केदारनाथ मंदिर प्रशासन के मुताबिक इस बार यात्रियों की तादाद ने पुराने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. पिछले 24 दिनों में दो लाख दस हजार श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं. यानी औसतन रोज 8334 श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं.
शनिवार को ही 10119 श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किये. इनमें 5,168 पुरुष, 4,662 महिलाएं और 286 बच्चे थे. 2013 में हुए प्राकृतिक आपदा के चार साल बाद केदारनाथ में ये रौनक लौटी है, लेकिन यात्रियों की इस तादाद को संभालने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. हालात ये है कि पिछले एक हफ्ते से बड़ी तादात में यात्रियों को खुले आसमान के नीचे सोना पड़ रहा है.
ठंड लगने से यात्रियों की तबीयत बिगड़ने के मामले को देखते हुए उत्तराखंड प्रशासन ने इलेक्ट्रॉनिक कंबल के इंतजाम का आदेश दिया है. बारिश के दौरान कतार में लगे यात्रियों को भीगने से बचाया जा सके, इसके लिये तीन हजार छातों के इंतजाम का भी दावा किया जा रहा है.
आपको बता दें इस साल तीन मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले थे तो पहली पूजा करने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे. दर्शन के लिये पहुंचे प्रधानमंत्री ने एक आम आदमी की तरह 6500 रुपए की रसीद कटवाकर केदारनाथ मंदिर में पूजा की थी.