Abdulhakim Idris Exclusive: उइगर मुसलमानों पर चीन (China) के जुल्म की कहानी किसी से छिपी नहीं है. यूएन की एक रिपोर्ट में भी उइगरों पर चीनी सरकार के दुर्व्यवहार का जिक्र किया गया है. चीन के खिलाफ उइगर मुस्लिमों (Uyghurs Muslim) का प्रदर्शन भी लगातार जारी है. इसी बीच उइगर मुसलमान अब्दुल हाकिम इदरीस ने एबीपी न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की है. इदरीस ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि चीन में 30 लाख उइगर मुस्लिमों को कंसंट्रेशन कैंप में रखा गया है. उइगर मुसलमानों से गुलामों की तरह काम करवाया जाता है और अपनी जान बचाने के लिए लाखों उइगर चीन छोड़ चुके हैं. 


अब्दुल हाकिम इदरीस ने कहा कि मेरे माता-पिता, भाई, बहनें, सभी को कंसंट्रेशन कैंप में रखा है. उन्होंने कहा कि मेरे भाई को चीनी सरकार ने 20 साल की सजा सुनाई है. मेरी बहनों को उनके बच्चों से अलग कर दिया गया है. पिछले पांच साल से मुझे ये भी नहीं पता कि वे जिंदा भी हैं या नहीं. मैं अकेला नहीं हूं, लाखों पीड़ित उइगर दूसरे देशों में रहे हैं. कोई अपनी पत्नी को छोड़कर भागा है तो कोई अपने बच्चों को छोड़कर भागा है. 






"हमारे देश की हकीकत कयामत जैसी"


पहली बार भारत आए इदरीस ने आगे कहा कि हमारे देश की हकीकत कयामत जैसी है. बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया है. उन बच्चों को अनाथालय में रखा गया है जहां उन्हें चीनी संस्कृति को अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उइगर औरतों को हान चीनी नागरिकों के साथ शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है. कंसंट्रेशन कैंप में अपने लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है. चीनी सरकार ने एक तरीके की डिजिटल दीवार खड़ी कर रखी है. चीन हमारे लोगों को खत्म करके हान समुदाय को बसाना चाहता है. 


"जिनपिंग की पूजा करनी पड़ती है"


इदरीस ने कहा कि हमारी औरतों के साथ सामूहिक रेप किया जाता है. हमारे लोगों की हत्याएं की जा रही हैं. लोगों को अचानक गायब कर दिया जाता है. उइगरों को सिर्फ मारा ही नहीं जा रहा बल्कि उनकी पहचान भी खत्म की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमें चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की तारीफ करने के लिए मजबूर किया जाता है. उइगरों को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भगवान की तरह पूजना पड़ता है. क्योंकि उन्होंने हमें सांस लेने और जीने की आजादी दी है. उन्होंने बताया कि जब मेरी पत्नी ने मेरे माता-पिता का मुद्दा उठाया तो चीनी सरकार ने मेरी पत्नी की बहन को बंदी बना लिया.


कौन हैं अब्दुल हाकिम इदरीस?


अब्दुल हाकिम इदरीस 1968 में चीन के पूर्वी तुर्किस्तान में पैदा हुए थे. उनके माता-पिता, भाई-बहन चीन के कॉन्संट्रेशन कैंप में जाए गए थे. उन्होंने चीन के 'उइगर नरसंहार' पर किताब भी लिखी है. इदरीस सेंटर फॉर उइगर स्टडीज के कार्यकारी निदेशक हैं. सेंटर फॉर उइगर स्टडीज वॉशिंगटन का थिंकटैंक है. इदरीस को दुनिया भर में उइगर मुसलमानों की आवाज कहा जाता है. 


चीन उइगर मुस्लिमों पर जुल्म क्यों कर रहा है? 


उइगर मुस्लिम चीन के शिनजियांग प्रांत में रहते हैं. शिनजियांग 'बेल्ट और रोड परियोजना' का हिस्सा है. चीन शिनजियांग में बगावत रोकना चाहता है और उइगर मुसलमानों को कब्जे में रखना चाहता है. चीन की सबसे बड़ी कोयला खदान और सबसे बड़े नेचुरल गैस रिजर्व शिनजियांग में है. हाल ही में चीन (China) ने शिनजियांग (Xinjiang) में कई 5G बेस स्टेशन भी लॉन्च किए हैं जिससे की उइगर मुस्लिमों (Uyghurs Muslim) पर कड़ी नजर रख सके. 


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