Uzbekistan Cough Syrup Death Row: भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में मैरियन बायोटेक का विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है. उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के ड्रग इंस्पेक्टर ने शनिवार (4 मार्च) को बताया कि परीक्षण में 36 नमूनों में से 22 के एथिलीन ग्लाइकोल से मिलावटी पाए जाने के बाद केंद्र ने राज्य ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से मैरियन बायोटेक का विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है. 


इस मामले में दवा के नमूनों के मानकों पर खरा नहीं पाए जाने के बाद गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर थाना फेस-3 में गुरुवार रात एक मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने इस मामले में ऑपरेशन हेड सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था जबकि कंपनी के मालिक फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है. 


गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर ने दी थी शिकायत


पुलिस आयुक्त कार्यालय ने बताया था कि गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने थाना फेस-3 में रिपोर्ट दर्ज कराई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सेक्टर 67 स्थित एक दवा बनाने की कंपनी में निर्मित कफ सिरप मानकों के ऊपर खरा नहीं उतरा.


उज्बेकिस्तान में हुई थी बच्चों की मौत


मैरियन बायोटेक पिछले साल दिसंबर में अपनी खांसी की दवाई डॉक-1 के लिए जांच के दायरे में आया था. जिसके बारे में संदेह है कि उज्बेकिस्तान में इसका सेवन करने वाले 18 बच्चों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया था. 


जांच के लिए सैंपल लिए गए थे


दवा रिकार्ड मेंटनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय से नहीं उपलब्ध कराने पर कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है. केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश औषधि विभाग के एक दल ने पिछले साल 29 दिसंबर को कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया था और जांच के लिए सैंपल लिए थे. 


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