Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है, जिसकी वजह से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अपने देश वापस लौटना पड़ा है. युद्ध के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत आने वाले मजबूर मेडिकल छात्रों को उज्बेकिस्तान ने अच्छी खबर दी है. ऐसे भारतीय छात्रों के लिए उज्बेकिस्तान ने अपने मेडिकल संस्थानों के दरवाजे खोल दिए हैं. भारत में उज्बेकिस्तान के राजदूत ने बृहस्पतिवार को बताया कि ऐसे 2,000 भारतीय छात्रों को उनका देश अपने यहां के मेडिकल कॉलेजों में सीटें उपलब्ध करा रहा है.


IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, उज्बेकिस्तान के राजदूत दिलशोद अखतोव ने बताया कि भारत सरकार के अनुरोध पर उज्बेकिस्तान के मेडिकल हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (MHEI) ने यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को अपने यहां एडमिशन देने का निर्णय लिया है.


किफायती बजट पर छात्रों को शिक्षा देगा उज्बेकिस्तान


राजदूत ने कहा, MHEI ने भारत के पूर्ववर्ती मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) और मौजूदा नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के मानदंडों (स्क्रीनिंग टेस्ट विनियम 2002) और (विदेशी चिकित्सा स्नातक लाइसेंसधारी- FMGL विनियम 2021) के तहत ये सीटें देने की पेशकश की है, जिसमें कहा गया है कि MHEI किफायती बजट पर छात्रों को शिक्षा देगा, जिसमें पढ़ने के साथ ही उनके खाने-रहने का खर्च भी शामिल होगा.


छात्रों को मिला पढ़ाई का ये ऑफर


अखतोव के मुताबिक, उज्बेकिस्तान भारतीय छात्रों को दो मेडिकल ग्रेजुएशन प्रोग्राम में पढ़ाई का ऑफर दे रहा है, जो इंटरनेशनल मेडिकल स्टडी के समकक्ष हैं. इनमें एक प्रोग्राम 6 साल का MD डिप्लोमा का है, जबकि दूसरा प्रोग्राम एक साल की इंटर्नशिप के साथ 5+1 साल की MBBS डिग्री है.


भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी FMGL/NEXT एग्जाम क्लियर करने योग्य छात्रों को तैयार करने के लिए MHEL के पास आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर व माहौल है. उससे संबद्ध सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों में बड़ी संख्या में शिक्षण बेड और पूरक प्रशिक्षण के साथ 30 प्रतिशत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रोफेसर मौजूद हैं. 


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