पिछले एक हफ्ते से चल रहे सियासी घमासान के बीच सोमवार को पुदुचेरी में कांग्रेस की वी नारायणसामी की सरकार गिर गई. विधानसभा में बहुमत साबित नहीं करने के कारण सरकार गिरी और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. नवनियुक्त उपराज्यपाल तमिलिसई सौंदराजन ने कांग्रेस के एक के बाद एक विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आई नारायणसामी की सरकार को बहुमत साबित करने को कहा था.


अपना जनाधार खो रही कांग्रेस ने अब पुडुचेरी में भी अपना किला खो दिया है. आपको बता दें कि फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले कांग्रेस के एक और विधायक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. पिछले दिनों चार विधायकों ने इस्तीफा दिया था और कल कांग्रेस के एक और विधायक लक्ष्मीनारायण  के इस्तीफे के साथ ही संख्या पांच पहुंच गई थी. वहीं गठबंधन वाली डीएमके के विधायक ने भी इस्तीफा दे दिया था. जिससे 33 विधायकों के असेम्बली में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन के कुल 12 विधायक का ही नंबर था, जबकि मैजिक नंबर 14 था.


हाल ही में यहां उप-राज्यपाल किरण बेदी को जिम्मेदारी से मुक्त कर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसई सौंदराजन को अत्यधिक ज़िम्मेदारी पुडुचेरी की सौंपी गई है. पुडुचेरी में इन दिनों राजनीतिक घटनाक्रम बड़ा ही दिलचस्प रहा है, किरण बेदी का हटना, तमिलनाडु की बीजेपी अध्यक्ष रही अभी की तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसई सौंदराजन को पुडुचेरी की भी जिम्मेदारी सौंपना और एक-एक कर इन विधायकों के इस्तीफ़े!


कांग्रेस जब 2016 में विधानसभा चुनाव जीत कर सत्ता में आई थी तो उसके पास कुल 15 विधायक थे साथ ही सहयोगी DMK के 4 और एक निर्दलीय उम्मीदवार का साथ था। विपक्ष की बात करें तो उसके पास भी 14 सदस्य हैं जिसमें 7 एनआर कांग्रेस के 4 AIADMK के और तीन मनोनीत जिन्हें किरण बेदी ने चुने थे.


इस्तीफे के बाद वी नारायणसामी ने सरकार गिराने का आरोप बीजेपी पर लगाया है. नारायणसामी का कहना है कि बीजेपी ने ऑपरेशन कमल चलाकर विधायकों से इस्तीफा दिलवाया. इसके अलावा पूर्व एलजी किरण बेदी पर आरोप लगाते हुए केंद्र से पुदुचेरी के लिए फंड रोकने का आरोप लगाया. नारायणसामी की सरकार गिरने के बाद क्या अब एनआर कांग्रेस और एआईएडीएमके मिलकर सरकार बनाने का दावा करेंगे या फिर राष्ट्रपति शासन लगेगा यह देखना दिलचस्प होगा. खासकर तब जब दो महीनों के भीतर यहां विधानसभा के चुनाव होने हैं.