Coronavirus 3rd Wave: क्या बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखेगा फ्लू का टीका? जानिए
Coronavirus 3rd Wave: अध्ययनों से पता चला है कि बच्चों में वायरस से गंभीर संक्रमण विकसित होने की संभावना कम होती है. हालांकि पिछले कुछ महीनों में बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलने के मामलों में लगातार तेजी आई है.बच्चों में फ्लू बहुत ही बुरी बीमारी हो सकती है, जिसके कारण बुखार, नाक बंद, खुश्क खांसी, गले में दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और बहुत अधिक थकान जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं.
Coronavirus 3rd Wave: देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है. कोरोना की पहली लहर में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोंग सबसे ज्यादा निशाने पर रहे. जबकि दूसरी लहर में संक्रमण ने सबसे ज्यादा युवाओं पर हमला किया. अब कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अपनी चपेट में लेगी. तीसरी लहर की संभावना के चलते माता-पिता और डॉक्टरों में चिंता बढ़ गई है. जानिए क्या फ्लू का टीकाकरण बच्चों में कोरोना के फैलने से रोकेगा?
बच्चों में कोरोना फैलने के मामलों में आई तेजी
अध्ययनों से पता चला है कि बच्चों में वायरस से गंभीर संक्रमण विकसित होने की संभावना कम होती है. हालांकि पिछले कुछ महीनों में बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलने के मामलों में लगातार तेजी आई है. इसलिए कहा जा सकता है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बच्चे पूरी तरह से वायरस से सुरक्षित हैं या नहीं.
फोर्टिस अस्पताव के वरिष्ठ सलाहकार और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जेसल शेठ ने बताया है कि कोरोना की पहली लहर ने 60 साल से ऊपर के लोगों को प्रभावित किया था, दूसरी लहर ने युवा पीढ़ी को प्रभावित किया और अब जब अधिकांश वयस्क या तो संक्रमित हैं या टीका लगावा चुके है तो यह उम्मीद की जाती है कि तीसरी लहर में कोरोना बच्चों पर ज्यादा प्रभाव डालेगा. डॉ शेठ ने कहा है कि तीसरी लहर की संभावना के मद्देनज़र ऐसे तरीकों को देखने की तत्काल जरूरत है, जिनके द्वारा हम बच्चों की रक्षा कर सकते हैं या कम से कम बीमारी की गंभीरता को कम कर सकते हैं. इसके लिए डॉ शेठ ने बच्चों को फ्लू का टीका लगवाने पर बात की.
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों को सालाना फ्लू शॉट देने की सिफारिश करता है. अमेरिका में महामारी के दौरान कोरोना से संक्रमित बच्चों के बीच किए गए हालिया अध्ययनों से पता चला है कि जिन बच्चों को अमेरिका में 2019-20 में फ्लू के मौसम के दौरान निष्क्रिय इन्फ्लुएंजा वैक्सीन का टीका लगाया गया था, उनमें संक्रमण का जोखिम थोड़ा कम था.
बच्चों को कोरोना की गंभीरता से कैसे बचाता है फ्लू का टीका?
डॉ जेसल शेठ ने कहा, ‘’कोरोना और इन्फ्लुएंजा में कई विशेषताएं हैं. वर्तमान में कोरोना और अतिरिक्त इन्फ्लुएंजा संक्रमण महामारी को एक 'ट्विनडेमिक' स्थिति में बदल सकता है. फ्लू का टीका लगाने से बच्चों में 'ट्विनडेमिक' का खतरा कम होगा. इन्फ्लुएंजा का टीका संक्रमण के जोखिम को रोकने और संभावित तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की गंभीरता को कम करेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘’यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फ्लू वैक्सीन और कोरोना वैक्सीन अलग-अलग हैं. दो टीकों के बीच चार सप्ताह के अंतराल को बनाए रखने की जरूरत है ताकि बच्चे को एंटीबॉडी विकसित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके और वायरल हस्तक्षेप के खिलाफ सभी प्रकार की प्रतिरक्षा का निर्माण हो सके.’’
बच्चों को फ्लू का टीका क्यों लगवाना चाहिए?
बच्चों में फ्लू बहुत ही बुरी बीमारी हो सकती है, जिसके कारण बुखार, नाक बंद, खुश्क खांसी, गले में दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और बहुत अधिक थकान जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. यह कई दिनों तक या उससे भी अधिक समय के लिए चल सकता है. कुछ बच्चों को बहुत तेज़ बुखार हो सकता है, कभी-कभी फ्लू के साधारण लक्षणों के बिना और उसे शायद इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़े. फ्लू से संबंधित गंभीर समस्याओं में पीड़ा दायक कान का संक्रमण, तीव्र ब्रोंकाइटिस और निमोनिया शामिल हैं.
यह भी पढ़ें-
भारत में सबसे पहले जो मिला था कोरोना स्ट्रेन, उसका नाम रखा गया 'डेल्टा वेरिएंट'-WHO
महाराष्ट्र में 15 मार्च के बाद 24 घंटे में आए कोरोना के सबसे कम केस, मुंबई में दी गई ढील