कोरोना वैक्सीन को लेकर सोमवार को जारी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के सर्वेक्षण से पता चला है कि डिजिटल डिवाइड के अस्तित्व पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 63% और छोटे शहरों में 43% लोगों को इसकी कोई जानकारी नहीं है कि कोविन ऐप पर रेजिस्ट्रेशन कैसे करते हैं. वहीं सर्वे के मुताबिक 60% ग्रामीण निवासियों और छोटे शहरों के 40% लोगों को ये भी नहीं पता था कि रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है.
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के कोविड 19 कंज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे ने कहा कि बड़े शहरों में 78 फीसदी भारतीय वैक्सीन लेने के लिए बेहद इच्छुक दिखे और छोटे शहरों में 74% भारतीयों से सर्वे में जब पूछा गया कि क्या वो वैक्सीन लेने के इच्छुक होंगे, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. जबकि मार्च में सिर्फ 39% ग्रामीण वैक्सीन लगवाने को तैयार थे, लेकिन अब 63% लोगों ने वैक्सीन पर सहमति जताई है. महामारी की दूसरी लहर ने बड़े शहरों के छोटे शहरों और गांवों को अपना निशाना बनाया और आजीविका को प्रभावित किया, इसी वजह से अब ग्रामीण वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हैं.
कोविन ऐप पर हो रही तकनीकी समस्या
जानकारी के मुताबिक बड़े शहरों में सभी भारतीयों में से 65% लोगों को कोविन ऐप के साथ तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा. साथ ही वैक्सीन के लिए स्लॉट ना मिलने पर परेशान भी होना पड़ रहा है. वहीं छोटे शहरों में 55% और ग्रामीण क्षेत्रों में 53% लोगों को वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट नहीं मिल रहा है.
23 से 28 मई तक चला सर्वेक्षण
बीसीजी का सर्वेक्षण 23 से 28 मई तक किया गया था जिसमें महानगरों और छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के लिए लगभग 4,000 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था. जहां सर्वे के दौरान ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन लगवाने पर सहमति जताई है. हालांकि कुछ लोगों ने वैक्सीन को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया भी दी है.
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