भारतीय दवा कंपनी वॉकहार्ट ने भारत सरकार से कहा है कि वो फरवरी 2022 तक 500 मिलियन वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता रखती है और एक साल में दो बिलियन डोज का उत्पादन कर सकती है. इसने सरकार से कहा है कि उसके पास एक विविध पोर्टफोलियो बनाने के लिए विनिर्माण और अनुसंधान क्षमता है, जो इसे प्रोटीन आधारित और वायरल वेक्टर आधारित वैक्सीन का उत्पादन और आपूर्ति करने की अनुमति देगा. वहीं सरकार कंपनी के ऑफर की जांच कर रही है. स्वदेशी जागरण मंच ने कुछ दिन पहले एक प्रस्तुति का आयोजन किया था, जहां रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने कहा था कि 'वॉकहार्ट ने पिछले हफ्ते हमें बताया था कि वो किसी भी कंपनी के साथ गठजोड़ करना चाहती है, इसलिए हम उस पर भी काम कर रहे हैं. वैसे भारत के बाहर वॉकहार्ट ने यूके सरकार के साथ पहले से ही यूके के लिए विशेष रूप से कोविड 19 वैक्सीन बनाने का समझौता किया हुआ है.जिसके चलते वॉकहार्ट एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को शीशियों में भरने और देश के वैक्सीनेशन कार्यक्रम में इस्तेमाल करने के लिए तैयार कर रहा है.


कोवैक्सिन का नहीं होगा निर्माण


जानकारी के मुताबिक जैव सुरक्षा स्तर 3 सुविधा की विशिष्ट आवश्यकताओं और लंबे उत्पादन समय को देखते हुए वॉकहार्ट ने इस समय भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के निर्माण की योजना नहीं बनाई है.


अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ हो सकता है समझौता


सूत्र के मुताबिक वॉकहार्ट कोविड 19 वैक्सीन की एक साल में 2 बिलियन खुराक बनाने की क्षमता रखता है. इस क्षमता को स्थापित करने में करीब छह से नौ महीने का समय लगेगा. सूत्र ने कहा कि कई फर्मों के साथ बातचीत चल रही है, और एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ एक समझौता अगले कुछ हफ्तों में होने की संभावना है.


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