मुंबई में आज INS वागशीर को लॉन्च किया गया. यह पनडुब्बी प्रोजेक्ट-75 के तहत तैयार की गई है. अब इसका समुद्री परिक्षण किया जायेगा और फिर इसके बाद इसको विधवत नौसेना में शामिल किया जायेगा. यह बेजोड़ क्षमताओं से युक्त है, इसलिये यह दुश्मन के मंसूबों को चूर करने में कामयाब होगी. 


इस पनडुब्बी के जलावतरण का आयोजन रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार की उपस्थिति में किया गया है. वागशीर स्कॉर्पिन वर्ग की छठी और आखरी पनडुब्बी है. वागशीर आज लॉन्च होने के बाद 1 साल या उससे अधिक समय तक टेस्टिंग और ट्रायल के लिए इस्तेमाल की जायेगी. ताकि पनडुब्बी युद्ध के लिए, दुश्मन से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए, उसके बाद वागशीर को भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए कमिशनिंग किया जाएगा.






कई पनडुब्बियों से बेहतर है ये पनडुब्बी


यह पनडुब्बी अपनी श्रेणी की कई पनडुब्बियों में से सबसे बेहतर है. यह  कई खुबियों से लैस है. इसकी खूबियों में उन्नत ध्वनिक अवशोषण तकनीक, कम विकिरणित शोर स्तर, हाइड्रो गतिशील रूप से आकार का अनुकूलन आदि मुख्य हैं. यह पनडुब्बी कई तरह की निगरानी की जिम्मेदारी ले सकती है. यह एंटी सरफेस वॉरफेयर, एंटी सबमरीन वॉर फेयर, इंटेलिजेंस गेदरिंग, एरिया सर्विलांस जैसी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम है.


आपको बता दें कि भारतीय नौसेना अब तक एमडीएल द्वारा निर्मित स्कॉर्पियन श्रेणी की कई पनडुब्बियों मे कलवरी, खंडेरी, करंज और वेला का कमशनिंग कर चुकी है. वागीर पनडुब्बी की टेस्टिंग और ट्रायल जारी है. इसी बीच इस सीरीज की आखिरी पनडुब्बी वागशीर को आज पानी में उतारा गया है.


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