जम्मू: जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में वैष्णो देवी गुफा मंदिर की यात्रा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर करीब पांच महीने तक निलंबित रहने के बाद आज फिर से शुरू होगी. यात्रा 18 मार्च को निलंबित की गई थी. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीएसबी) ने पहले सप्ताह में हर रोज अधिकतम 2,000 तीर्थयात्रियों की सीमा तय की है, जिनमें से 1,900 यात्री जम्मू-कश्मीर और शेष 100 यात्री बाहर के होंगे. इसके बाद हालात की समीक्षा की जाएगी और उसी के अनुसार फैसले किए जाएंगे.


इन नियमों का करना होगा पालन


यात्रा रजिस्ट्रेशन विंडो पर भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी. यात्रियों के लिए अपने मोबाइल फोन में ‘आरोग्य सेतु ऐप’ डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. चेहरे पर मास्क और कवर अनिवार्य होगा. यात्रा के प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की थर्मल जांच की जाएगी.


कटरा से भवन जाने के लिए इन रास्तों का होगा इस्तेमाल
10 साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों और 60 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए यात्रा नहीं करने का परामर्श जारी किया गया है. हालात सामान्य होने के बाद इस परामर्श की समीक्षा की जाएगी. कटरा से भवन जाने के लिए बाणगंगा, अर्धकुंवारी और सांझीछत के पारम्परिक मार्गों का इस्तेमाल किया जाएगा और भवन से आने के लिए हिमकोटि मार्ग-ताराकोट मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा.


बरती जाएंगी ये सावधानियां
जम्मू-कश्मीर के बाहर के यात्रियों और केंद्रशासित प्रदेश के रेड जोन वाले जिलों से आने वाले यात्रियों के कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने संबंधी रिपोर्ट की हेलीपैड और दर्शनी ड्योढ़ी पर यात्रा प्रवेश बिंदुओं पर जांच की जाएगी. जिन यात्रियों के पास कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने संबंधी रिपोर्ट होगी, उन्हें ही भवन की ओर जाने दिया जाएगा. पिट्ठुओं, पालकियों और खच्चरों को शुरुआत में मार्ग पर चलने पर अनुमति नहीं होगी. यात्रियों की सुविधा के लिए बैटरी चालित वाहनों, रोपवे और हेलीकॉप्टर सेवाओं जैसी सभी पूरक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.


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