नई दिल्ली: वैसे तो 14 फरवरी देशभर में इश्क और आशिकी में भरोस रखने वालों के लिए एक बड़े जश्न का दिन है, लेकिन जो आंकड़ा हम आपको बताने जा रहे हैं वो आपको दंग कर सकता है. देश में एक बड़ी आबादी है जो वैलेंटाइन डे मनाने में यकीन नहीं रखती है. उनके लिए ये दिन साल के किसी और दिन की तरह होता है. शादी डॉट कॉम ने 20-35 साल के 8,200 लोगों पर एक सर्वे किया है जिसमें दंग करने वाले आंकड़े सामने आए हैं. ख़ास बात ये है कि इस सर्वे में शादीशुदा से लेकर गैर शादी शुदा जोड़े तक शामिल हैं.


इस सर्वे के कुछ सवाल और उनके जवाब-


सवाल: सर्वे में शामिल लोगों को प्यार जताने के लिए किस दिन का सबसे ज़्यादा इंतज़ार रहता है?
जवाब: 61% को बर्थडे या मैरिज/रिलेशनशिप एनिवर्सरी, 36% के लिए नया साल और 3% के लिए वैलेंटाइन डे.


सवाल: क्या आप वैलेंटाइन डे मनाने में यकीन रखते हैं?
जवाब: 68% नहीं, 32% हां.


जब आगे इसकी पड़ताल की गई कि ऐसा क्यों है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग वैलेंटाइन डे मनाने में यकीन नहीं रखते तब कुछ ऐसे जवाब मिले-


सवाल: आप वैलेंटाइन डे मनाने में क्यों यकीन नहीं रखते?
जवाब: 55% युवाओं को लगता है कि इसे ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.
वहीं 28% को लगता है कि अपने प्यार के साथ बिताया गया हर दिन वैलेंटाइन डे है.
वहीं 17% को लगता है कि इस दिन इतनी भीड़ होती है कि बाहर कदम रखना भी मुश्किल होता है.


सबसे बड़ा सवाल ये रहा कि क्या वैलेंटाइन डे को आम दिनों की तरह ही ट्रीट किया जाना चाहिए? इसके जवाब में 68% लोगों का मानना था कि हां, इसे बिल्कुल किसी और दिन की तरह ट्रीट किया जाना चाहिए. वहीं 33% की राय इससे बिल्कुल अलग थी और उन्होंने इसे स्पेशल ट्रीटमेंट दिए जाने की बात कही.


सर्वे में वैलेंटाइन डे से लोगों के मोहभंग के पीछे की सबसे बड़ी वजह भी सामने आई. लोगों का कहना है कि ये प्यारा से ज़्यादा बाज़ार का त्यौहार बन गया है. यानी इस दिन को गिफ्टस और एक-दूसरे को बाहर ले जाने के प्रेशर में इस कदर बांध दिया गया है कि लोग अब इससे दूर हो रहे हैं.