मुंबई: सीएए और एनआरसी के विरोध में वंचित बहुजन अघाड़ी की ओर से महाराष्ट्र बंद बुलाया गया है. इस बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. कई जगहों पर पुलिस की तैनाती की गई है ताकि विरोध प्रदर्शन हिंसक नहीं हो पाए. गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में सीएए और एनआरसी को लेकर जो विरोध प्रदर्शन हुए थे उनमें भारी हिंसा हुई थी. यूपी और दिल्ली में खास तौर पर हिंसा की बड़ी वारदातें देखने को मिली थीं.


मुंबई, नासिक, पुणे, औरंगाबाद और नागपुर समेत महाराष्ट्र के बड़े शहरों में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. वंचित बहुजन अघाड़ी के संस्थापक प्रकाश अंबेडकर ने कहा था कि केंद्र सरकार जबरन सीएए को लागू कर रही है जिससे अशांति का माहौल पैदा हो गया है. देश आर्थिक दिवालिएपन की ओर बढ़ रहा है और नोटबंदी व जीएसटी के बाद देश में अविश्वास का माहौल है.


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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियां ठीक नहीं हैं. उन्होंने इस बंद को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी और तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से इस बंद में शामिल होने को कहा था. आपको बता दें कि 2018 में वंचित बहुजन अधाड़ी की स्थापना की गई थी.


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आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों नागरिता संशोधन कानून 2019 लागू किया है. इस कानून के मुताबिक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यक (हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध) भारत में शरण ले सकेंगे. दिसंबर 2014 से पहले शरणार्थी के रूप में आए लोग नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.


इस कानून की आलोचना हो रही है और कहा जा रहा है कि ये कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है जो धार्मिक समानता की बात करता है. ऐसे में इस कानून के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन किए गए. खास तौर पर एएमयू, जेएनयू और जामिया में हुए प्रदर्शन खासे चर्चा में रहे.