इंदौरः कोरोना वायरस महामारी के कारण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में लंबे समय से फंसे 152 भारतीय नागरिक एयर इंडिया की विशेष उड़ान से रविवार रात स्वदेश लौट आये. उनमें एक नवजात भी शामिल है. केंद्र सरकार ने मई महीने की शुरुआत में कोरोना के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत की थी और उसके बाद से अब तक लाखों भारतीयों की स्वदेश वापसी हो चुकी है.

कोविड-19 की रोकथाम से संबद्ध इंदौर जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि कि ‘वंदे भारत अभियान’ के तहत एयर इंडिया का विमान शारजाह से उड़कर भारतीय मानक समय के मुताबिक रात आठ बजकर 40 मिनट पर स्थानीय देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा.

उन्होंने बताया कि यूएई में फंसे इन 152 भारतीयों की इस विशेष उड़ान के जरिये स्वदेश वापसी हुई जिनमें एक शिशु भी शामिल है.

किसी भी यात्री में नहीं कोरोना के लक्षण

मालाकार ने बताया कि स्थानीय हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग के दौरान इनमें से किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण नहीं मिले हैं. हालांकि, सभी 152 यात्रियों को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सात दिन तक क्वॉरंटीन सेंटरों में रखा जायेगा. इसके बाद उन्हें सात दिन तक अपने घरों में अन्य सदस्यों से अलग रहना होगा.

उन्होंने बताया कि स्वदेश लौटे इन यात्रियों में इंदौर के लगभग 50 लोग शामिल हैं जिन्हें शहर के एक होटल में बनाये गये क्वॉरंटीन सेंटर में सात दिन के लिये भेजा गया है. इंदौर से बाहर के यात्रियों को उनके मूल निवास स्थानों के लिये रवाना किया गया है.

ज्यादातर लोगों की जा चुकी है नौकरी

भारतीय नागरिकों के इस जत्थे की वतन वापसी सुनिश्चित करने में यूएई में बसे भारतवंशियों की भी अहम भूमिका रही जिन्होंने इस खाड़ी देश स्थित भारतीय दूतावास और भारत सरकार से सम्पर्क करते हुए विशेष उड़ान के लिये प्रयास किये.

इनमें शामिल दुबई के कपड़ा कारोबारी चंद्रशेखर भाटिया ने बताया कि शारजाह से इंदौर आयी विशेष उड़ान में करीब 80 प्रतिशत ऐसे यात्री सवार थे जिनकी नौकरी यूएई में कोविड-19 के प्रकोप के कारण चली गयी है.

भाटिया ने बताया कि इस उड़ान से स्वदेश लौटे सभी 152 यात्री मूलत: मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. इनमें बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे लोग शामिल हैं.

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