Vande Bharat Stone Pelting: पश्चिम बंगाल के मालदा में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव को लेकर भाजपा और टीएमसी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. बीजेपी के आरोपों को टीएमसी ने उसे बदनाम करने की साजिश बताया है. हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के कुछ ही दिन बाद पश्चिम बंगाल के मालदा में ट्रेन पर पथराव की घटना सामने आई है.
भाजपा ने घटना की एनआईए से जांच कराने की मांग की है जबकि टीएमसी ने इसे राज्य को बदनाम करने की साजिश बताया है.
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मालदा शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर कुमारगंज रेलवे स्टेशन के पास सोमवार शाम हुई इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है.
कुमारगंज क्षेत्र पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एफएफआर) के कटिहार डिवीज़न के अधिकार क्षेत्र में आता है. अधिकारी ने बताया कि घटना सोमवार को शाम करीब पांच बजकर 10 मिनट पर हुई और ट्रेन को बीच रास्ते में नहीं रोका गया. यह मालदा टाउन रेलवे स्टेशन पर अपने तय कार्यक्रम के तहत ही रुकी.
मामले की जांच शुरू
मालदा टाउन रेलवे स्टेशन राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के आईसी प्रशांत राय ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) मामले की जांच कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हावड़ा स्टेशन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी.
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि 2019 में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल लोग ट्रेन पर हुए पथराव में संलिप्त थे. उन्होंने कहा, “किसी अन्य राज्य में वंदे भारत एक्सप्रेस पर हमला या तोड़फोड़ नहीं हुई है, ऐसे में यह घटना शर्मनाक है. राज्य सरकार अपने वोट बैंक के संरक्षण के लिए अपराधियों के खिलाफ कुछ नहीं करेगी.”
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सवाल किया कि क्या यह घटना हावड़ा स्टेशन पर उद्घाटन समारोह में ‘‘जय श्री राम’’ के नारे लगाने का बदला है?
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण व घिनौना. पश्चिम बंगाल के मालदा में भारत की शान वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव. क्या ऐसा उद्घाटन समारोह में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने का बदला लेने के लिए किया गया? मैं प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय को मामले की जांच एनआईए को सौंपने और दोषियों को दंडित करने का आग्रह करता हूं.’’
टीएमसी का पलटवार
भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि यह राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा, “हम नहीं जानते कि इसमें कौन शामिल है. पुलिस और रेलवे के अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं. भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है.”
उद्घाटन समारोह में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस मंच पर जाने से इनकार कर दिया जहां से ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई थी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने बनर्जी को मनाने की कोशिश लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. ममता बनर्जी मंच के सामने कुर्सी पर बैठ गई थीं.
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