नई दिल्ली: बीएमसी के स्कूलों में 'वंदे मातरम' गाना अनिवार्य करने का विवाद थम नहीं रहा है. अब यहां बीजेपी के एक विधायक ने मांग की है कि पूरे देश के हर स्कूल में 'वंदे मातरम' जरूरी कर देना चाहिए. राज पूरोहित ने कहा, ''पूरे महाराष्ट्र के स्कूलों और कॉलेजों में वंदे मातरम गाना जरूरी होना चाहिए. पूरे देश के सरकारी कार्यालयों में भी इसे जरूरी बना देना चाहिए.''
बीजेपी विधायक राज पुरोहित का बयान सामने आते ही समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया. मुंबई में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने कहा कि वंदे मातरम पर ऐसा फरमान मंजूर नहीं होगा.
आपको बता दें कि बीएमसी को शिवसेना चलाती है और बीजेपी समर्थन देती है. इस विवाद पर राज ठाकरे की पार्टी ने कहा कि विवाद 'वंदे मातरम' का नहीं बल्कि बीजेपी और शिवसेना की राजनीति का है. एमएनएस ने कहा कि दोनों दल अपनी कमियों को छिपाने के लिए वंदे मातरम पर राजनीति कर रहे हैं. एमएनएस के संदीप देशपांडे ने कहा, ''इसका विरोध करने का कोई सवाल नही नहीं होता. बीजेपी-शिवसेना जैसी पार्टियां इसका उपयोग अपनी खामियां और गलतियां छुपाने के लिए कर रहे हैं.''
मुंबई में बीएमसी के स्कूलों की हालत किसी से छुपी नहीं हैं. वो भी तब जबकि बीएमसी का सालाना बजट 37 हजार करोड़ होता है और आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इसमें से शिक्षा को लेकर 2 हजार करोड़ का बजट पास होता है. लेकिन वंदे मातरम पर ताजा विवाद दिखा रहा है कि बीएमसी को बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा चिंता अपनी राजनीति की है.