वाराणसी कमिश्नर ने कहा, 'BHU प्रशासन दोषी, समय रहते रोकी जा सकती थी घटना'
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर समय रहते बीएचयू प्रसाशन का कोई अधिकारी मौके पर पहुंच जाता तो इस घटना को रोका जा सकता था. कमिश्नर की रिपोर्ट में लाठीचार्ज के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है.
नई दिल्ली: बीएचयू में छेड़खानी का विरोध करने पर छात्राओं पर लाठीचार्ज की घटना को लेकर वाराणसी के कमिशन्रर की रिपोर्ट सामने आ गई है. कमिश्नर की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में बीएचयू प्रशासन दोषी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर समय रहते बीएचयू प्रसाशन का कोई अधिकारी मौके पर पहुंच जाता तो इस घटना को रोका जा सकता था. कमिश्नर की रिपोर्ट में लाठीचार्ज के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है.
कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक छात्राओं की 3 मांगें जायज़ थीं जिसमें पहली मांग अंधेरे रास्तों पर रोशनी की व्यवस्था, दूसरी सीसीटीवी और तीसरी मांग छेड़खानी रोकने के लिए समिति बनाई जानी चाहियर थी.
रिपोर्ट के बाद कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने कहा, "लड़की के साथ छेड़खानी की घटना हुई थी. इसकी शिकायत करने के बाद जब विश्वविद्यालय की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो छात्राओं में आक्रोश बढ़ता गया.''
BHU ने सफाई देने में की गलती, छेड़छाड़ से पीड़ित लड़की की पहचान सार्वजनिक की लापरवाही का आरोप झेल रहे बीएचयू प्रशासन ने प्रेस रिलीज़ जारी कर अपनी सफाई पेश की. विश्वविद्यालय ने अपने बयान में कहा, ”छेड़छाड़ से पीड़ित लड़की खुद आंदोलन के पक्ष में नहीं थी. दबाव बनाकर उसे धरना देने को मजबूर किया गया. पीड़ित लड़की को लग रहा था कि उसे ढाल बनाकर कुछ अराजक तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए वो धरने के बीच से उठकर अपनी कुछ साथियों के साथ वीसी में मिलने आई थी.”
विश्वविद्यालय प्रशासन इस दावे के साथ खुद पर लगे दाग धोने की कोशिश में था. इसी के साथ यूनिवर्सिटी ने पीड़ित लड़की की पहचान जाहिर कर नई मुसीबत मोल ले ली.
पीएम मोदी और अमित शाह ने की सीएम योगी से बात विश्वविद्यालय में गर्मायी सियासत के बीच खुद पीएम मोदी और अमित शाह ने यूपी के सीएम आदित्यनाथ से बात की. प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष ने इस मुद्दे सुलझाने के निर्देश दिया. हालांकि बीजेपी का आरोप है कि कुछ लोग राजनीति के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं.
क्या है पूरा मामला ? बीएचयू में विवाद छात्राओं की सुरक्षा को लेकर ही तब शुरू हुआ जब 21 सितंबर को फाइन आर्ट्स की एक छात्रा से कैंपस में छेड़छाड़ हुई. छात्रा की शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
विरोध में 22 सितंबर को छात्राओं ने विश्वविद्यालय में धऱना शुरू कर दिया. 23 सितंबर को कुलपति आवास का घेराव करने जा रही छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. छात्राओं पर लाठीचार्ज से हो रही किरकिरी से बचने कि लिए विश्वविद्यालय हर रोज नई दलील दे रहा है.