Varanasi Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसे स्ट्रक्चर को संरक्षित रखने से जुड़ा एक आवेदन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुआ है. याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया है कि पूरी जगह को संरक्षित रखने का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था.
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि उस आदेश की मियाद 12 नवंबर को पूरी हो रही है. उससे पहले सुनवाई जरूरी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को आश्वासन दिया है कि इस मसले पर जल्द सुनवाई होगी.
क्या था पिछला आदेश?
17 मई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और पी एस नरसिम्हा की बेंच ने ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग वाली जगह को सुरक्षित रखने के लिए कहा था. कोर्ट ने साफ किया था कि उस जगह पर नमाजी वजू नहीं कर सकेंगे. इसके बाद 20 मई को कोर्ट ने पूरा मामला वाराणसी के जिला जज के पास ट्रांसफर कर दिया था.
मुस्लिम पक्ष के अनुरोध पर कोर्ट ने जिला जज से कहा था कि वह सबसे पहले हिंदू श्रद्धालुओं के मुकदमे की योग्यता पर फैसला लें, यानी यह तय करें कि मामला सुने जाने लायक है भी या नहीं. 20 मई को कोर्ट ने यह भी कहा था कि हिंदू पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर जिला जज के फैसले के 8 हफ्ते बाद तक 17 मई वाला आदेश लागू रहेगा यानी कि जगह को सुरक्षित रखा जाएगा. 12 सितंबर को जिला जज मुकदमे को सुनवाई योग्य ठहरा चुके हैं. ऐसे में न्यायालय के आदेश की अवधि 12 नवंबर को पूरी हो रही है.
आज क्या हुआ?
आज हिंदू श्रद्धालुओं के वकील विष्णु जैन ने जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला रखा. उन्होंने बताया कि 12 नवंबर से पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जरूरी है ताकि जगह की सुरक्षा को लेकर आदेश नए सिरे से जारी किया जा सके. इस पर कोर्ट ने उन्हें आश्वासन दिया कि 12 नवंबर से पहले मामले को सुनवाई के लिए लगाया जाएगा.
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