Avani Chaturvedi: देश में इतिहास रचने के बाद अब विदेशी धरती पर दिखेगी पायलट अवनि चतुर्वेदी की ऊंची उड़ान, भारत की बनेंगी पहचान
अवनि चतुर्वेदी (Avani Chaturvedi) भारत की उन पहली तीन महिला पायलटों (Women Pilots) में शामिल हैं, जो जल्द ही इस अभ्यास में शामिल होने के लिए जापान रवाना होंगी.
Avani Chaturvedi: स्क्वाड्रन लीडर अवनि चतुर्वेदी समेत भारतीय वायुसेना की तीन महिला पायलट देश से बाहर होने वाले एरियल वार गेम में भारतीय सैन्य दल का हिस्सा बनने जा रही हैं. ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला पायलट होंगी. यह पहला मौका नहीं है जब अवनि ने इस तरह का कारनामा किया है. अवनि पहले भी कई इतिहास बना चुकी हैं.
विदेशी धरती पर महिला पायलट
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि वीर गार्जियन 2023 अभ्यास 16 जनवरी से 26 जनवरी तक चलेगा. यह सैन्य अभ्यास ओमितामा में हयाकुरी एयर बेस, इसके आसपास के हवाई क्षेत्र और सयामा में इरुमा एयर बेस पर किया जाएगा.
अवनि चतुर्वेदी भारत की उन पहली तीन महिला पायलटों में शामिल हैं, जो जल्द ही इस अभ्यास में शामिल होने के लिए जापान रवाना होंगी. अवनि चतुर्वेदी सुखोई-30 MKI पायलट हैं.
भारत की पहली महिला फाइटर पायलट
साल 2016 में अवनि चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह को भारतीय वायुसेना ने फाइटर प्लेन उड़ाने के लिए चुना था. तीनों को लड़ाकू विमान उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई. इसके पहले भारतीय वायुसेना में महिलाओं को फाइटर प्लेन उड़ाने की अनुमति नहीं थी.
22 फरवरी 2018 को अवनि ने इतिहास रच दिया जब गुजरात के जामनगर एयरबेस से मिग-21 बाइसन से अकेले सफल उड़ान भरी. इसके बाद सोशल मीडिया पर वो ट्रेंड करने लगी थीं. हर कोई देश की इस बेटी के बार में जानने को उत्सुक था.
भारत के तीनों सैन्य बलों में वायु सेना ही है जिसने महिलाओं को जंग के मोर्चे पर काम करने की अनुमति दी हुई है. इसके साथ ही भारत की वायु सेना उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं, जहां पर महिलाएं फाइटर प्लेन उड़ा सकती हैं.
रीवा में हुआ जन्म
अवनि चतुर्वेदी का जन्म मध्य प्रदेश में रीवा के पास एक छोटे से कस्बे में हुआ था. अवनि ने अपनी शुरुआती पढ़ाई वहीं से हिंदी माध्यम में की. 10वीं और 12वीं में स्कूल में टॉप करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग चुना और वनस्थली विद्यापीठ गईं.
वनस्थली में उनकी रुचि सेना की तरफ बढ़ी. उन्होंने कैंपस के एविएशन स्कूल में अतिरिक्त स्किल के तौर पर एविएशन की पढ़ाई की.
भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद अन्य सभी कैडेट की तरह ही उन्हें प्रशिक्षण मिला. वह कहती हैं कि उनकी किस्मत अच्छी थी कि उन्हें फाइटर पायलट की ट्रेनिंग करने का मौका मिला.
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