मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही सावरकर इस सरकार के गले की हड्डी बने हुए हैं. आए दिन सावरकर को लेकर विवाद होता रहता है. इस बार कांग्रेस की मैगजीन शिदोरी में सावरकर को लेकर लिखी बातों को लेकर राजनीतिक जंग शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने घाटकोपर पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी के राज्यसभा सांसद रहे किरीट सोमैया और विधायक राम कदम ने हाथ में सावरकर और शिवाजी की तस्वीरों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.


महाराष्ट्र कांग्रेस की मासिक मराठी पत्रिका शिदोरी में फरवरी महीने में दो लेख छापे गए थे. सारा विवाद इन लेखों को लेकर ही है. पहले लेख में लिखा है कि सावरकर के इतिहास जानने पर यही मालूम चलता है कि वह स्वातंत्रवीर नहीं बल्कि माफी वीर है. दूसरे लेख में सावरकर की जिंदगी के बेहद निजी लम्हों के बारे में लिखा है, उनके चरित्र से जुड़ी घटना का भी जिक्र है.


बीजेपी नेताओं की मांग है कि इस मैगजीन के संपादक रत्नाकर महाजन अपनी बातों के लिए माफी मांगें और सरकार उनके खिलाफ केस दर्ज करें. बीजेपी नेताओं ने यह भी बात उठाई कि जब से सरकार बनी है कांग्रेस के तमाम नेता चाहे अशोक चव्हाण हों या राहुल गांधी हों, बार-बार कांग्रेस वीर सावरकर का अपमान करती है. ऐसे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे चुप क्यों रहते हैं जो सावरकर के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं जबकि उनके पिता बाला साहब ठाकरे सावरकर के खिलाफ एक शब्द सुनने को तैयार नहीं थे.


बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग बार-बार दोहराई और यह भी कहा कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो राज्यपाल के पास अपनी शिकायत लेकर जाएंगे. गौरतलब है कि बार-बार सावरकर को लेकर कोई ना कोई बखेड़ा महाराष्ट्र में खड़ा हो रहा है. कभी राहुल गांधी सावरकर पर कुछ कह देते हैं तो कभी अशोक चव्हाण.