Savarkar Grandson Claim: महात्मा गांधी की हत्या को लेकर इस देश में कई दावे किए जाते रहे हैं. विनायक दामोदर सावरकर (सावरकर) के पौत्र रंजीत सावरकर ने दावा किया है कि बापू पर गोली गोडसे ने नहीं, बल्कि किसी और ने चलायी थी. उन्होंने कहा कि संगीत में नौ रस होते हैं, दसवां रस देशभक्ति है, यह सावरकर ने बताया है.
उन्होंने हाल ही में आई अपनी पुस्तक 'मेक श्योर गांधी इस डेड' का उल्लेख करते हुए कहा कि संभवतः गांधी जी की हत्या में नाथूराम मोहरा रहे हों, क्योंकि उस समय के फोरेंसिक साक्ष्य यह प्रदर्शित करते हैं कि उनकी हत्या में चली गोली गोडसे के हाथ से नहीं, बल्कि किसी और के हाथ से चली हो सकती है. इसके प्रामाणिक साक्ष्य उपलब्ध हैं, इसे देखा जाना चाहिए.
छुआछुत के खिलाफ आंदोलन सावरकर ने ही शुरू किया
न्यूज़ एजेंसी IANS के रंजीत सावरकर शनिवार (3 फरवरी) को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में छूआछूत के उन्मूलन पर गंभीरता से आंदोलन रत्नागिरि जेल में बंद रहने के दौरान ही सावरकर द्वारा शुरू किया गया था. उन्होंने समाज की एकता और अखंडता पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत में रहने वाले या समान सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले सभी हिंदू हैं.
'सन्यास लेने वाले थे सावरकर लेकिन देश के लिए खुद को समर्पित किया'
रंजीत सावरकर ने कहा कि जब वी सावरकर लंदन में थे तो उन्हें इस बात की चिंता रहती थी कि मेरे दूसरे भाई भारत के लिए स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं. वे विवेकानंद से प्रेरित थे, वे संन्यास लेने वाले थे, लेकिन उन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया. सावरकर के सशस्त्र आंदोलन के कारणों का जिक्र करते हुए रंजीत ने कहा कि किसी देश की आजादी की लड़ाई बिना युद्ध के संभव नहीं है, इसलिए उन्होंने (सावरकर) क्रांति का रास्ता चुना. वे देश के लिए जीवन भर समर्पित रहे.
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