Ranjit Savarkar Exclusive: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के वीर सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के कुछ सहयोगी दलों ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है. इसी बीच वीर सावरकर (Veer Savarkar) के पोते रणजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) ने abp न्यूज़ के अवॉर्ड विनिंग शो प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पूरे मामले को लेकर खुलकर बात की और कांग्रेस पर सावरकर को बदनाम करने का आरोप लगाया.


रणजीत सावरकर ने खास बातचीत के दौरान कहा कि सावरकर एक राष्ट्रभक्त नेता रहे हैं. मेरे लिए वीर सावरकर बुद्धिजीवी हैं. उन्होंने कहा कि 1920 में एक बार गांधीजी से भी किसी ने पूछा था कि आप अपने पत्र में अंग्रेज सरकार को आपका मोस्ट ऑबिडियेंट क्यों लिखते हैं. इस पर गांधीजी ने कहा था कि वे मेरे विरोधी हैं, लेकिन मैं अपनी सभ्यता नहीं छोड़ सकता इसलिए मैं सभ्य भाषा का इस्तेमाल करता हूं. गांधीजी का दिया हुआ जवाब आज के समय में राहुल गांधी के लिए फिट है. 


"कांग्रेस सावरकर को कर रही बदनाम"


रणजीत सावरकर ने कहा कि राहुल गांधी जो भी आरोप लगा रहे हैं वो सभी आरोप झूठे हैं. उनके दादा नेहरू और लेडी माउंटबेटन के बीच नजदीकी रिश्ते थे. वे उन्हें खत लिखा करते थे. एक प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने माउंटबेटन को खत लिखे जो कि ब्रिटिश अधिकारी थी. ये राष्ट्रद्रोह था. उन्होंने ये भी सवाल पूछा कि कांग्रेस ने गांधीजी को भारत रत्न क्यों नहीं दिया. कांग्रेस सावरकर को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. 


"सावरकर ने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी"


रणजीत सावरकर ने कहा कि वीर सावरकर ने कोई माफीनामा नहीं लिखा था ये रिहाई के लिए दी गई याचिकाएं थीं जो सभी ने लिखी थी. गांधीजी ने उन्हें ये याचिका लिखने को कहा था, हमारे पास गांधीजी का खत है. सावरकर के लिखे खत को गांधीजी का समर्थन मिला था. सावरकर ने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी. 


"गांधीजी को राष्ट्रपिता नहीं मानता"


उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि मैं गांधीजी को फॉदर ऑफ दे नेशन नहीं मानता. विभाजन के वक्त जो हुआ इसके लिए मैं उन्हें राष्ट्रपिता नहीं मानता. सत्ता के लिए देश का विभाजन कर दिया. रणजीत सावरकर ने कहा कि आप गांधीजी को सावरकर पर मत थौपिये. सावरकर ने कहा था कि मैं कोई सत्यवादी नहीं हूं, शत्रु को दिया हुआ वजन तोड़ सकता हूं. सावरकर को आरएसएस ने अपने साथ क्यों नहीं लिया, इस सवाल पर रणजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) ने कहा कि सावरकर ईश्वर को नहीं मानते थे, धर्म के साथ थे. 


रणजीत सावरकर ने कहा कि आज के नेताओं में वीर सावरकर खुद को नरेंद्र मोदी के ज्यादा करीब पाते. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर की हिंदुत्व की विचारधारा के साथ आज की नई शिवसेना चल रही है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना हिंदुत्व की विचारधारा के साथ है. मैं उनके काम का सम्मान करता हूं.


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