Vegetable Price Hike: पेट्रोल, डीजल और सीएनजी पर महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी के लिए सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. नींबू ने तो आम आदमी के बजट को ही खट्टा कर दिया है. थोक मंडी में नींबू की कीमत 200 से 250 रुपये प्रति किलो है. यही नींबू जब खुदरा मंडी में जाता है, तो इसकी कीमत 300 के पार चली जाती है.
बाकी सब्जियों के भी हाल कुछ वही है. दिल्ली की गाजीपुर मंडी में गोभी जो पिछले हफ्ते तक थोक मंडी में 25 रुपये किलो तक बिक रही थी अब 40 रुपये प्रति किलो बिक रही है. भिंडी भी थोक में 90 रुपये किलो हो चुकी है. वहीं, शिमला मिर्च 50 से 60 रुपये किलो तक बिक रही है. अदरक 60 रुपये किलो बिक रहा है.
'बिजनेस डाउन हो गया है'
नींबू की बढ़ी कीमतों को लेकर सर्वेश कुमार कहते हैं, "हिसाब से चलाना पड़ रहा है. 10, 5 रुपये अपना मार्जिन लेकर अपना काम कर रहे हैं. हमारी भी सब्जी की दुकान है. बिजनेस डाउन हो गया है. ग्राहक बोलते हैं कि इतना महंगा नींबू क्यों दे रहे हो, लेकिन हम क्या करें, हमे भी तो पीछे से महंगा मिल रहा और उस पर 10 रुपये, 5 रुपये का फायदा लेकर ही तो बेचेंगे. कभी-कभी तो नींबू रखा रह जाता है, निकल नहीं पाता." दुकानदार रामलाल कहते हैं, "नींबू 250 रुपये किलो बिक रहा है. होली से ही ये दाम चल रहा है. पता नहीं कब दाम कम होगा."
थोक मंडी में सब्जियों के दाम-
गोभी 40 रुपये/किलो
शिमला मिर्च 200 रुपये/किलो
भिंडी 80 रुपये/किलो
लौकी 25 रुपये/किलो
शिमला मिर्च 50 रुपये/किलो
अदरक 50 रुपये/किलो
खुदरा मार्केट में सब्जियों के हाल
सब्जी की खुदरा मार्केट में जहां से हम और आप ज्यादातर सब्जी खरीदने जाते हैं, वहां सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. आज से महीना भर पहले जिस नींबू को दुकानदार अगर ग्राहक ज्यादा सब्जी ले रहा है, तो फ्री में दे देते थे, आज ये नौबत आ गई है कि अगर आप 5-6 नींबू ले लें, तो शायद कोई सब्जी मुफ्त मिल जाए. वजह है नींबू के दाम.
खुदरा बाजार में नींबू 320 रुपये किलो बिक रहा है. यानी एक नींबू की कीमत 15 से 20 रुपये है. बाकी सब्जियां के दाम में भी आग लगी हैं. खुदरा बाजार में शिमला मिर्च 120 रुपये किलो, भिंडी 100 रुपये किलो, मटर 90 रुपये किलो, परवल, 80 रुपये किलो है. गर्मियों में कच्चे आम की चटनी खाने का जायका बढ़ा देती है, लेकिन फिलहाल कच्चे आम का दाम 2500 रुपये किलो है.
'बजट तो एकदम खत्म हो चुका है'
ग्राहक महेंद्र सिंह चौधरी कहते हैं, "बजट तो एकदम खत्म हो चुका है. दिन प्रतिदिन सब्जियां महंगी हो रही हैं, लेकिन हमारी जो सैलरी है, वो तो वही है. हम अपनी फैमिली ढंग से नहीं पाल पा रहे. नींबू तो खा ही नहीं रहें. जब पैसे नहीं होंगे, तो कहां से खाएंगे. बजट को देखना पड़ता है."
'दुकानदारी पर असर भी पड़ रहा है'
दुकानदार आदेश कुमार माथुर कहते हैं, "जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे, तो ट्रांसपोर्ट का दाम बढ़ेगा. ट्रांसपोर्ट का दाम बढ़ेगा, तो भाड़ा बढ़ेगा और भाड़ा बढ़ेगा तो सब्जी का रेट वैसे ही बढ़ जाएगा. दुकानदारी पर असर भी पड़ रहा है. जो ग्राहक एक किलो लेकर जाते थे, तो वे अब आधा किलो या पाव भर ले कर जाते हैं. अब खाना तो है ही, तो वो सीधा कहते हैं कि तुम लोग दाम बढ़ा रहे हो."
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