केरल में जीका वायरस के 14 मामलों के पाए जाने के बाद दो दक्षिणी राज्यों केरल और तमिलनाडु में अलर्ट जारी कर दिया गया है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलोजी ने इन मामलों की पुष्टि की है. जानकारी के अनुसार, जीका वायरस संक्रमण का पहला क्लस्टर तमिलनाडु-केरल की सीमा के पास मौजूद पारासल्ला में पाया गया है. जो कि तिरुवनंतपुरम से 34 किलोमीटर दूरी पर है. संक्रमितों में से ज़्यादातर लोग स्वास्थ्य क्षेत्र से ही जुड़े हुए हैं.


जिला प्रशासन ने शनिवार को राज्य में जीका वायरस के प्रकोप के बाद तमिलनाडु-केरल सीमा पर वाहनों की जांच तेज कर दी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वालयार और मीनाक्षीपुरम में लोगों से कोविड नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. केरल के पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में भी एहतियात बरतते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. साल 2017 में तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के अंचेती में जीका का पहला मामला सामने आया था. 


तमिलनाडु के मुख्य स्वास्थ्य सचिव ने दी ये जानकारी


तमिलनाडु के मुख्य स्वास्थ्य सचिव डॉ. जे राधाकृष्णन ने एक इंटरव्यू में बताया, "अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन हम अलर्ट पर हैं और निगरानी के आदेश दे दिए गए हैं. डॉक्टरों से कहा गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति में जीका के लक्षण दिखें तो उसका सैंपल लें." वहीं, लोगों की जांच भी की जा रही है. 


जानिए क्या हैं जीका वायरस के लक्षण


जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान होते हैं, इसमें बुखार, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते और जोड़ों का दर्द और आंखों का लाल होना शामिल होता है. जीका वायरस के कारण संक्रमित व्यक्ति 7 से 8 दिनों तक प्रभावित रहता है. यह वायरस गर्भवती महिला को ज्यादा प्रभावित करता है. इसके कारण जन्म लेने वाला बच्चा अविकसित दिमाग के साथ पैदा होता है. 


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