Vehicle Scrappage Policy: आने वाले समय में पुरानी गाड़ी, नई गाड़ी पर अच्छा डिस्काउंट दिला सकती है. साथ ही रोड टैक्स में छूट भी, ऐसा कहें तो शायद कोई यकीन न करे लेकिन अब ऐसा होगा. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की शुरुआत की. जिसके तहत पुरानी गाड़ी का स्क्रैप सर्टिफिकेट देने पर न सिर्फ नई गाड़ी पर डिस्काउंट मिलेगा बल्कि रोड टैक्स में भी छूट मिल सकती है.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गुजरात में आयोजित निवेशक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को लॉन्च किया. व्हीकल स्क्रैप के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए निवेश आमंत्रित करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है. नए व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत देश में चलने वाले वाहनों को एक तय समय के अनुसार फिटनेस टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा.
इसके मुताबिक प्राइवेट व्हीकल्स को 20 साल के बाद और कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा. पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड सेंटर्स में किया जाएगा. इन सेंटर्स पर वाहनों का फिटनेस टेस्ट होगा, जहां उन्हें सर्टिफिकेट मिलेगा. इस मौके पर पीएम मोदी ने तीन C का मंत्र भी दिया. ये हैं Clean, Congestion Free और Convenient Mobility. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य इससे अर्थव्यवस्था बनाना और पर्यावरण बेहतर बनाना है.
स्क्रैप नीति की बड़ी भूमिका
साथ ही देश में वाहनों के आधुनिकीकरण और सड़कों से अनुपयुक्त वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से हटाने में वाहन स्क्रैप नीति बड़ी भूमिका निभाएगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के लिए स्वच्छ, भीड़-भाड़ मुक्त और सुविधाजनक सफर का लक्ष्य है और समय की मांग है. वहीं ये नई पॉलिसी 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नया निवेश लाएगी और हजारों नौकरियां पैदा होंगी.
इस पॉलिसी की खास बात है कि पुराने गाड़ी के स्क्रैप प्रमाणपत्र वाले लोगों को नई गाड़ी खरीदने पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और रोड टैक्स में भी छूट मिलेगी. इसके अलावा पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नोलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा ज्यादा रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी. साथ ही इससे हमारे स्वास्थ्य में प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें कमी आएगी.
मार्च में इस पॉलिसी के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि भारत में 51 लाख हल्के मोटर वाहन है जो 20 साल से ज्यादा पुराने है और 34 लाख हल्के मोटर वाहन जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं. वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना लगभग 17 लाख मध्यम और भारी कमर्शियल वाहन हैं जो 15 वर्ष से अधिक पुराने है.
पॉलिसी से ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी फायदा
- ऑटोमोबाइल सेक्टर में लोगों को रोजगार मिलेगा.
- स्क्रैपिंग पॉलिसी के लागू होने पर न केवल इन आकड़ों में वृद्धि होगी बल्कि Scrapping Centres, Automatic Fitness Centres की वजह से 10,000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश और 35,000 लोगों को Direct Employment मिलने की संभावना है.
- Indirect Employment यानी की Allied Service Sector, रिसर्च एंड डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में और भी ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की बहुत प्रबल संभावना है.
- स्क्रैप मैटेरियल से ऐसे एलिमेंट्स भी प्राप्त होंगे जो Electric Vehicles के बैटरी के रिसर्च में काम आएंगे.
- गाड़ी स्क्रैप की जाएगी. उनसे निकलने वाले पार्ट्स को रिसाइकिल किया जाएगा. जिससे कॉम्पोनेंट्स की कीमत में भी कमी आएगी.
इस स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत
- गाड़ी का रजिस्ट्रेशन खत्म होने पर उसे अनिवार्य रूप से फिटनेस सेंटर लेकर जाना होगा.
- प्राइवेट इस्तेमाल वाली गाडियों के लिए ये सीमा 20 साल और कमर्शियल गाड़ियों के लिए 15 साल है.
- अगर गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल होता है तो उसे ELV यानी एंड ऑफ लाइफ यानी गाड़ी की लाइफ खत्म माना जाएगा.
- गाड़ी के रीरजिस्ट्रेशन को रीन्यू कराने की बजाएं स्क्रैपिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
- देश भर में स्क्रैपिंग पॉलिसी के लिए आटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे.
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