नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने वंदेमातरम पर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर मां को सलाम नहीं कहा जाएगा तो क्या अफजल गुरु को कहा जाएगा? नायडू विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल की पुस्तक के विमोचन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.


उन्होंने कहा, अक्सर लोग राष्ट्रवाद पर सवाल करते हैं. कई लोगों को वंदेमातरम से भी समस्या होती है. इसका मतलब तो मां की प्रशंसा करना होता है. यह किसी तस्वीर के बारे में नहीं है. ये तो 125 करोड़ लोगों के बारे में है फिर चाहे उनका धर्म, जाति या रंग कुछ भी हो."


उपराष्ट्रपति ने कहा कि हिन्दुत्व कोई धर्म नहीं है बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है. उन्होंने इसको साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के हिन्दुत्व पर 1995 में दिए फैसले का भी उल्लेख किया. उन्होंने मातृभाषा को लेकर भी काफी कुछ कहा.


उन्होंने एक घटना का जिक्र किया जिसमें विदेश से आए लोग अपनी भाषा में बातें कर रहे थे. नायडू ने अपने सहयोगी से पूछा कि क्या इन लोगों को इंग्लिश नहीं आती? सहयोगी ने बताया कि अंग्रेजी आती है लेकिन ये लोग अपनी मातृभाषा में बोलना पसंद करते हैं.


नायडू ने कहा कि हम लोगों को भी अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए. दुनिया की कोई भी भाषा सीखो लेकिन अपनी भाषा का सम्मान करो और उसे किसी से कम मत समझो.